इंटरनेशनल परमिट बनवाने में कम रूचि दिखा रहे भोपाली
इंटरनेशनल परमिट बनवाने में कम रूचि दिखा रहे भोपालीसांकेतिक चित्र

Bhopal : इंटरनेशनल परमिट बनवाने में कम रूचि दिखा रहे भोपाली

भोपाल, मध्यप्रदेश : कोविड के बाद घटी संख्या। पहले हर साल राजधानी में बनते थे 3 से 5 सौ आईडीपी, इस साल 5 महीने में 2 सौ भी नहीं बने।

भोपाल, मध्यप्रदेश। विदेशों में वाहन चलाने के लिए जरूरी इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट को बनवाने के लिए लोगों की रूचि कोविड के बाद से कम होती नजर आ रही है। खुद आरटीओ के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। कोविड से पहले जहां राजाधानी में हर साल 300 से लेकर 500 तक इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट बनते थे, वहीं इस साल मई तक यह आंकड़ा 200 तक भी नहीं पहुंच पाया है। जनवरी से मई के बीच कुल 165 आईडीपी ही बने हैं। जबकि इससे पहले कोविड के दौर में साल 2020-21 में सबसे कम 148 परमिट बने थे। हालांकि आरटीओ में इसकी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है। लेकिन विदेश से जुड़ा मामला होने के कारण जांच-पड़ताल सख्ती से होती है। हालांकि कोविड के बाद एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने सुचारू होने के बाद लोगों का विदेश जाना बढ़ गया है, इसलिये परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि आने वाले महीनों में फिर इंटरनेशनल परमिट के आवेदनों में तेजी आएगी,यह सामान्य से ज्यादा के स्तर पर पहुंचेंगे।

अरब देशों के लिए ज्यादा आवेदन :

भारत के बाहर किसी भी देश में वहां की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए आईडीपी बहुत जरूरी होता है। आरटीओ सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर स्टूडेंट या नौकरीपेशा या लंबे समय के लिए विदेश जाने वाले लोग इसके लिए आवेदन करते हैं। राजधानी में अरब देशों के लिए आईडीपी के ज्यादा आवेदन होते हैं, इनमें कतर, दुबई, शारजहां के अलावा सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और कनाडा समेत कई देशों के लिए लोग परमिट के लिए आवेदन करते हैं।

पिछले 4 सालों में कितने बने :

  • वर्ष 2018-19 में 831

  • वर्ष 2019-20 में 778

  • वर्ष 2020-21 में 148

  • वर्ष 2021-22 में 664

  • वर्ष 2022-23 में 165 अब तक

सिर्फ 1 साल के लिए बनता है, प्रक्रिया भी सख्त :

इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट सिर्फ एक साल की अवधि के लिए ही बनाया जाता है। आरटीओ के मुताबिक इसकी फीस 1074 रु तय है। क्योंकि यह मामला विदेश मंत्रालय और संबधित देश की एंबैसी से भी जुड़ा होता है, इसलिये इंटरनेशनल ड्रायविंग परमिट जारी करने से पहले परिवहन विभाग के अफसर भी दस्तावेजों की सख्ती से जांच करते हैं, ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक को आरटीओ में खुद मौजूद होकर अपने पासपोर्ट समेत सभी ऑरीजनल दस्तावेज वैरीफाई कराने होते हैं। इतना ही नहीं जिस डायरी पर आईडीपी परिवहन विभाग द्वारा जारी किया जाता है, वह भी आवेदक बाजार से खुद खरीदकर ले जानी पड़ती है। बाजार में यह इंटनेशनल ड्रायविंग बुक 70-80 रु से लेकर 150 रुपये तक आती है।

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