टिकट देकर पार्षद प्रत्याशियों को कांग्रेस ने लावारिस छोड़ा
टिकट देकर पार्षद प्रत्याशियों को कांग्रेस ने लावारिस छोड़ाRaj Express

Bhopal : टिकट देकर पार्षद प्रत्याशियों को कांग्रेस ने लावारिस छोड़ा

भोपाल, मध्यप्रदेश : सभी बड़े नेताओं ने चुनाव से दूरी बना ली और पार्षद प्रत्याशी अपने-अपने वार्डों में लाज बचाने के लिए जद्दोजहद में जुटे नजर आ रहे हैं।

भोपाल, मध्यप्रदेश। टिकट देकर कांग्रेस ने पार्षद प्रत्याशियों को लावारिस हालत में छोड़ दिया है। स्थिति यह है कि सभी बड़े नेताओं ने चुनाव से दूरी बना ली और पार्षद प्रत्याशी अपने-अपने वार्डों में लाज बचाने के लिए जद्दोजहद में जुटे नजर आ रहे हैं। नगर निगम के सभी 85 वार्डों में यह स्थिति है। इधर कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी ने भी प्रचार और जनसंपर्क धीमा कर दिया है। इसकी वजह एक रिपोर्ट बताई जा रही है। जिसमें दावा किया गया है कि राजधानी में कांग्रेस के करीब 45 से अधिक पार्षद जीतकर आ रहे हैं। इस हिसाब से कांग्रेस की परिषद बन रही है। हालांकि कांग्रेस इस रिपोर्ट को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, लेकिन चुनाव कार्यालयों में यही चर्चा चल रही है।

नगर निगम के 85 वार्ड हैं और सभी वार्डों में कांग्रेस-बीजेपी के कैंडीडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं। परिषद में बहुमत के लिए 43 पार्षदों की जरूरत होती है। जिस दल के 43 पार्षद होंगे, परिषद में उसी का बहुमत होगा। वर्तमान में दोनों ही दल मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन हाल ही में कांग्रेस का प्रचार और जनसंपर्क अचानक धीमा हो गया है। इधर वार्डों में चुनाव लड़ रहे पार्षद प्रत्याशियों से भी महापौर प्रत्याशी के चुनावी मैनेजमेंट ने चर्चा बंद कर दी। जब इसकी जानकारी लेने कुछ पार्षद प्रत्याशी और उनके समर्थक कार्यालय पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कांग्रेस की परिषद बन रही है, इसलिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद से ही वार्डों में चुनावी गणित बिगड़ने लगा। वार्डों में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी अब खुद ही अपना मैनेजमेंट संभालते हुए प्रचार में जुट गए हैं।

बड़े नेताओं ने कहा टिकट दे दिया, अब खुद संभालों चुनाव :

इधर वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों के सामने एक ओर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। प्रत्याशी अपने-अपने इलाकों में लाज बचाने के लिए जद्दोजहद में जुटे नजर आ रहे हैं। प्रत्याशियों का कहना है कि बीते तीन दिन से कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं से चर्चा की, लेकिन कोई भी वार्ड का प्रचार करने के लिए तैयार नहीं है। इधर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलानाथ भी निकाय चुनाव में नजर नहीं आ रहे।

बीमार तो कोई शहर से बाहर :

कांग्रेस के सभी बड़े नेता निकाय चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं। भोपाल में कांग्रेस के तीन विधायक हैं। उत्तर से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील की जगह उनके पुत्र आतिफ अकील और भाई आमिर अकील ही अपनी विधानसभा में सक्रिय हैं, लेकिन दूसरे इलाकों में प्रचार के लिए नहीं जा रहे। वही दक्षिण-पश्चिम से कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का फोकस एक मात्र वार्ड 46 में है, जहां उनके समर्थक योगेन्द्र सिंह चौहान पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि मध्य विधासनभा से विधायक आरिफ मसूद अपनी विधानसभा के वार्डों के अलावा दूसरे इलाकों में भी प्रचार करते देखे जा रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा बीमार हैं और घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। ऐसे ही भोपाल के दूसरे बड़े नेता भी शहर से बाहर हैं या बीमार हैं।

कांग्रेस को डुबोएगा ओवर कॉन्फिडेंस :

हाल ही में कांग्रेस ने एक सर्वे का दावा किया है, जिसमें कहा गया है कि शहर की 85 पार्षद सीटों में से कांग्रेस को 45 से अधिक मिल रही हैं। इस सर्वे रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन कांग्रेस का यह ओवर कॉन्फिडेंस जरूर डुबो देगा।

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