कोर्स कटौती का नहीं हुआ निर्धारण
कोर्स कटौती का नहीं हुआ निर्धारणSyed Dabeer-RE

भोपाल : पिछले माह पत्र लिखने के बावजूद कोर्स कटौती का नहीं हुआ निर्धारण

भोपाल, मध्यप्रदेश : पिछले माह पत्र लिखने के बावजूद कोर्स कटौती निर्धारण ना होने पर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कहा कि विभाग का रवैया बच्चों के हित में नहीं।

भोपाल। पिछले माह पत्र लिखने के बावजूद कोर्स कटौती निर्धारण ना होने से प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने एक बार फिर विभाग की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। आरोप लगाया गया है कि विभाग के अधिकारियों का रवैया कहीं से भी बच्चों के हित में नहीं दिख रहा है।

स्कूल संचालकों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोविड-19 के कारण कोर्स में कटौती की बात तो की गई है लेकिन इसका निर्धारण ना होने से विद्यालयों में चिंताएं बढ़ने लगी हैं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने विभाग को पिछले माह पत्र लिखकर मांग की थी कि तत्काल इसका निर्धारण किया जाए। अगर जल्द ही ऐसा काम नहीं होता है तो फिर बच्चों और अभिभावकों को आगे चलकर बड़ी परेशानी उठानी पड़ेगी।

स्कूल संचालकों का कहना है कि कोर्स में कटौती को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यह आलम कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए बन गया है। कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद है। शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है की जब स्कूल खुलेंगे उस हिसाब से कोर्स का निर्धारण होगा। अब यदि स्कूल देर में खुलेंगे तो क्या उस अनुपात में कोर्स कम कर दिए जाएंगे। ऐसी बात करके शिक्षा विभाग ने अपने को सुरक्षित कर लिया है परंतु विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर ठोस निर्णय नहीं किया गया है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि अभी विद्यार्थी घर में भी पढ़ाई नहीं कर पा रहा है। उसे डर सता रहा है कि जिस लेशन तैयारी करेंगे। उसमें कहीं ऐसा ना हो कि वह कट जाए। ऐसी स्थिति में बच्चे पढ़ाई करने के प्रति भ्रमित हो रहे हैं। उनके अंदर एकाग्रता नहीं आ पा रही है। इस प्रकार की आशंका और दहशत सभी क्लास के बच्चों को सता रही है। अभिभावक एवं शिक्षक वर्ग भी परेशान है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मांग करता है कि जिस कोर्स मैं कटौती नहीं होना है, वह पहले निर्धारित कर लिया जाए। चाहे स्कूल जब खुले, लेकिन खासतौर से बोर्ड कक्षाओं में कक्षा दसवीं एवं कक्षा 12वीं में जो कोर्स नहीं कटने वाले हैं। उसे तुरंत घोषित कर देना चाहिए। ताकि बच्चे निसंकोच रूप से पढ़ाई कर सकें। बोर्ड कक्षाओं के लिए यह 1 सप्ताह के भीतर इस प्रकार के आदेश जारी होना चाहिए। साथ ही सभी कक्षाओं का कम से कम वह अध्याय जो किसी भी परिस्थिति में परीक्षा से नहीं कटेगा। उसके आदेश विभाग को तत्काल जारी करना होंगे। अजीत सिंह काााा कहना है कि विभाग की गलत नीतियों केे कारण बच्चों का भविष्य बर्बााद होने की कगाार पर है।

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