अब बिना मंजूरी नहीं चलेगा ड्रोन, नियम हुए सख्त

भोपाल, मध्यप्रदेश: प्रदेश में ड्रोन के संचालन पर अब नियम हुए सख्त, लाइसेंस के बिना ड्रोन उड़ाना होगा मुश्किल।
अब बिना मंजूरी नहीं चलेगा ड्रोन
अब बिना मंजूरी नहीं चलेगा ड्रोनDeepika Pal - RE

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी में नगर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ड्रोन के संचालन को लेकर नई नीति लागू की है। इस नई नीति के तहत अब ड्रोन का संचालन आसान नहीं होगा। अब नियमों के तहत ड्रोन के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर लग गया है प्रतिबंध।

पंजीयन कराना होगा अनिवार्य :

इस नई नीति के तहत किसी भी शादी या समारोह में ड्रोन से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने के लिए अब अनुमति लेना आवश्यक होगा। साथ ही यदि ड्रोन का उपयोग किया जाना है तो इसके लिए स्थानीय थाने को उपयोग के 24 घंटे के पहले सूचना देनी होगी। ड्रोन के लिए पंजीयन नियत नीति के तहत कराना अनिवार्य होगा, जिसकी अंतिम तारीख 31 जनवरी निश्चित की गई है। सबसे खास बात यह है कि, ड्रोन को केवल दिन में उड़ा सकेगें, लेकिन रात में उड़ाने के लिए डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी। साथ ही 60 मीटर से ऊपर ड्रोन को नहीं उड़ाने की होगी अनुमति।

ये नियम किए तय :

इसके संबंध में नगर विमानन महानिदेशालय ने नई नीति के तहत नियम और शर्तों की कई प्रस्तावना दी है -

  • ड्रोन के संचालन के लिए लाइसेंस के नियम भी तय किए गए हैं। इसके लिए आवेदक की उम्र 18 साल से ज्यादा और वह 10वीं पास होना होगा जिसके बाद ही लाइसेंस मिलेगा, साथ ही अंग्रेजी का ज्ञान होना भी जरूरी है।

  • ड्रोन के संचालन के लिए इसका पंजीयन, ऑपरेटर परमिट और उड़ाने से पहले क्लियरेंस लेना जरूरी है। इसके लिए डीजीसीए की वेबसाइट पर डिजिटल स्काय नाम से प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।

  • डीजीसीए से इम्पोर्ट क्लीयरेंस के अलावा यूआईएन (यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर) और यूएओपी (अनमैन्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट) जारी होगा, वही रिन्यूअल भी करेगा।

  • यूआईएन के लिए 1 हजार और यूएओपी के लिए 25 हजार रुपए की राशि का भुगतान करना होगा हालांकि यूएओपी 5 साल तक वैध होगा और बाद में रिन्यूअल के लिए 10 हजार रुपए की फीस देनी होगी।

  • बता दें कि, प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन की अनुमति रक्षा मंत्रालय देगा, वहीं क्लीयरेंस गृह मंत्रालय से प्राप्त होगा।

  • ड्रोन के संचालन के नियमों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 287, 336, 337, 338 के तहत जुर्माने और सजा का प्रावधान है। डीजीसीए, यूआईएन और यूएओपी निलंबित या रद्द भी कर सकता है।

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