प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी
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महंगाई भत्ता देने में केंद्र से पीछे राज्य सरकार, आखिर क्यों?

भोपाल, मध्यप्रदेश: केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी होने के बाद अब भी राज्य सरकार भत्ता बढ़ाने में कर रही देरी, कर्मचारी कर रहे सवाल खड़े।

राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करने के बाद अब तक प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा महंगाई भत्ते को बढ़ाया नहीं गया है जिस संबंध में कर्मचारी संघ के कर्मचारी सवाल खड़े कर रहे हैं। इसके चलते ही मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, आखिर मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता कब देगी ?

कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव तिवारी ने उठाए सवाल :

मध्यप्रदेश सरकार में कार्य़रत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ता तथा राहत ना मिल पाना दु:ख का विषय है, 8 महीने से किसी भी प्रकार से महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं की गई है, जिसकी वजह से जीवनयापन करने में दिक्कतें सामने आ रही हैं। साढ़े चार लाख नियमित कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलना आवश्यक है सरकार ने करीब 1200 करोड़ की राशि हमारी जेबों से छीन ली है हमारा सरकार से निवेदन है कि, जल्द समस्या का समाधान किया जाए।

केंद्र की परंपरा को अपनाती है प्रदेश सरकार :

बता दें कि, परंपरा रही है कि केंद्र के द्वारा मंहगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की जाती है तो उसे क्रियान्वित करते हुए राज्य सरकार भी अधिकारी और कर्मचारियों के भत्तों में वृद्धि करती है लेकिन बीते साल जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने 5 प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की थी लेकिन राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।

राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं :

दरअसल मौजूदा हालातों के आधार पर राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है जिसके चलते सरकार के द्वारा अब तक फैसला नहीं लिया गया। महंगाई भत्ते से हर महीने राज्य सरकार के लगभग 228 करोड़ रूपए खर्च होते, जो वार्षिक तौर पर 2745 करोड़ के आसपास हैं।

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