भोपाल : मेडिकल उपचार की मांग पर सीएम की मुहर लगने से कर्मचारियों में उत्साह
भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, पैरामेडिकल स्टॉफ तथा अन्य कर्मचारियों को मेडिकल रिअम्बर्स संबंधी लाभ के आदेश जारी होने से एक नया उत्साह पैदा हुआ है। नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि लंबे समय से वह यह मांग करते आये हैं। जिसके लिए कई बार आन्दोलन भी किये हैं। आखिरकार में हमारी बात को सरकार ने गंभीरता से सुना है।
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की पीड़ा को समझते हुए आदेश जारी किए हैं। एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष धनराज नगर का कहना है कि वर्तमान कोरोना दौर में जब पूरा देश के स्वास्थ्य कर्मी दिन रात कोरोना से लड़ते हुए संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेज में मेडिकल भत्ते में मात्र 3000 रुपए का रिअम्बर्स मिलता था। सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जांच तथा इलाज के लिए बहुत बड़ा बजट खर्च करना पड़ता था। परन्तु अब सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत सभी कर्मचारियों अधिकारियों को अब निःशुल्क इलाज तथा सभी विभागों की तरह मेडिकल रिअम्बर्स का लाभ देने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश निश्चित तौर पर कर्मचारियों के जीवन में नया उत्साह पैदा करने वाला है।
प्रदेश में पेंशनरों का स्वास्थ्य बजट अधिकारियों ने अटकाया
इधर प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हुई है। इन्हें प्रतिमाह मिलने वाला स्वास्थ्य बजट अधिकारियों ने रोक दिया है। मध्य प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना है कि इस लापरवाही का सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। उन्होंने बताया है कि प्रदेश में पौने तीन लाख पेंशनर है। जिनके लिए अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की समुचित व्यवस्था नहीं है। कारण भी है कि नियम के अनुसार प्रति महीने सरकार द्वारा इसका बजट नहीं दिया जा रहा है। गणेश दत्त जोशी का कहना है कि एक तरफ केंद्र सरकार को देखें तो वह अपने कर्मचारियों को प्रतिमाह नियम से स्वास्थ्य बजट जारी करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश सरकार को अपने रिटायर कर्मचारियों की एक प्रकार से कोई चिंता नहीं है। उन्होंने बताया है कि मध्य प्रदेश ही नहीं पड़ोसी छत्तीसगढ़ राज्य में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में परेशान किया जा रहा है।
अतिथि शिक्षकों ने फिर उठाई लंबित वेतन की मांग
प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने एक बार फिर लंबित वेतन की मांग उठाई है। इनका कहना है कि राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में मार्च माह से कोई वेतन उपलब्ध नहीं किया गया है। इनका कहना है कि कई जिलों में तो पिछले सत्र के वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है। जबकि यह समस्या राज्य सरकार को भी बता दी गई है। उसके बावजूद इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अतिथियों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
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