तो इस बरसात में घरों में भर जाएगा पानी
तो इस बरसात में घरों में भर जाएगा पानीसांकेतिक चित्र

Bhopal : तो इस बरसात में घरों में भर जाएगा पानी

भोपाल, मध्यप्रदेश : इस साल की बरसात शहरवासियों के लिए मुसीबत लेकर आने वाली है। घबराने की जरूरत नहीं है, यह मुसीबत नाले-नालियों के गंदे पानी की है।

भोपाल, मध्यप्रदेश। इस साल की बरसात शहरवासियों के लिए मुसीबत लेकर आने वाली है। घबराने की जरूरत नहीं है, यह मुसीबत नाले-नालियों के गंदे पानी की है। इस साल नाला सफाई अभियान न चलने की वजह से शहर के सभी नाले-नालियां कचरे से पटे पड़े हैं। ऐसी स्थिति में गंदा पानी सड़कों पर भरना और निचले इलाकों के घरों तक पहुंचना लाजमी है। हालांकि हाल ही में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जरूर बरसात की तैयारियों के मद्देनजर अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा है, लेकिन जब नाले ही साफ नहीं हुए तो पानी का बहाव रूकना जाहिर है।

सोमवार को मई महीने के 23 दिन बीत गए और कभी भी प्री-मानसून राजधानी में दस्तक दे सकता है। ऐसी स्थिति में शहर के सभी नाले-नालियां उफान मारेंगे। इससे इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि नगर निगम ने अब तक शहर में नाला सफाई अभियान शुरू नहीं किया। अधिकांश नाले कचरे से पटे पड़े हैं। जबकि नालियों का हाल भी बुरा है। प्री-मानसून की बरसात में यह नाले-नालियां चौक हो जाएंगी और पानी के बहाव को रोकेंगी। हर साल निगम एक मई से शहर में नाला सफाई अभियान शुरू कर देता था, लेकिन अधिकारी इस साल यह अभियान चलाना ही भूल गए। अधिकारियों की जब नींद खुली, तब-तक समय बीत चुका था।

642 नाले हैं शहर में :

नगर निगम के अनुसार भोपाल में एक सर्वे में सामने आया है कि 789 नाले थे, जिनकी संख्या घटकर लगभग 642 हो गई है। बहुत से नाले या तो कागजों पर बचे हैं या वे अतिक्रमण के चलते अपना अस्तित्व खो चुके हैं। ज्यादातर नाले जो एक समय पर 15 फीट चौड़े थे, वह 5-6 फीट के हो चुके हैं। जिसके चलते तेज बारिश में जल बहाव में समय लगता है और जल भराव की स्थिति बन जाती है।

नालों पर बड़े अतिक्रमण :

भोपाल के 6 नंबर मार्केट में नाले पर अतिक्रमण कर एक पूरा व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बना दिया गया है, जिसके चलते पूरा नाला ही उस जगह से गायब हो चुका है। इसी तरह कोलार में सर्वधर्म के आगे एक बड़ा नाला हुआ करता था, जिसे लोगों ने अतिक्रमण कर अब नाली बना दिया है। शहर में अगर नालों पर अतिक्रमण की बात करें तो सबसे ज्यादा अतिक्रमण रसूखदारों और राजनेताओं ने किए हैं। शासकीय अतिक्रमण का सबसे बड़ा उदाहरण 11 नंबर का मार्केट है, जो कि पूरा मार्केट ही नाले पर स्थित है। जिसको बाद में शासकीय मंजूरी मिल गई।

भोपाल में नालों पर अतिक्रमण की शुरूआत :

शहर में नालों पर छोटे-बड़े कुल मिलाकर लगभग 20 हजार से ज्यादा अतिक्रमण हैं और अधिकतर अतिक्रमण प्रभावशाली लोगों ने कर रखा है। इस मामले में सन 1984 के आसपास जगतपति की एक जांच रिपोर्ट भी विधानसभा पटल पर रखी गई थी। उस रिपोर्ट के अनुसार 1984 में भोपाल में लगभग 184 बड़े नालों पर अतिक्रमण किया गया था,लेकिन तब से अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उस समय की रिपोर्ट के अनुसार उसमें कई राजनेताओं का नाम आने से इस पूरे मामले को दबा दिया गया था।

वर्तमान में नालों पर अतिक्रमण :

राजधानी में मनीषा मार्केट, त्रिलंगा, शाहपुरा में 1100, जिंसी 650, पंचशील 700, आरिफ नगर 1400, चांदबड़ 1500, भानपुर 1000, सेमरा 600, सुभाष कॉलोनी 1200, एमपी नगर 500, 10 नंबर मार्केट 70, अशोका गार्डन 900, बाणगंगा 800, 6 नंबर मार्केट 90 के आसपास अतिक्रमण बताए जाते हैं। हर साल बारिश के पहले अतिक्रमण हटाने की कवायद की जाती है, लेकिन बारिश जाते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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