राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार जहां वचनपत्र के अधूरे वादों को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा रही है वहीं नई योजनाओं और मॉडल को अपनाते हुए प्रदेश की जनता को लाभांवित करने की भी योजना बना रही है। इसके चलते ही सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए रोड एक्सिडेंट इंश्योरेंस स्कीम लॉन्च करने की योजना बनाई है जिसके तहत सड़क हादसों में घायलों को निजी अस्पतालों में बिना खर्चे के इलाज की सुविधा मिलेगी। इस नए मॉडल को दिल्ली की केजरीवाल सरकार में शुरू हुई योजना के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है नया मॉडल :
इसके तहत कमलनाथ सरकार के इस नए मॉडल को पूर्व में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सतना और रीवा में शुरू की जाएगी जिसके बाद इसे बेहतर परिणाम मिलने के बाद प्रदेशभर में लागू करने की योजना है। इस पॉलिसी में घायलों को बचाने के लिए दुर्घटना के 24 से 46 घंटे तक प्रयास किए जाएंगे जिसमें प्रति घायल पर 30-60 हजार तक व्यय आने की संभावना है वहीं इस योजना के लिए निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया जाएगा। साथ ही इस नई पॉलिसी के लिए कंपनी का चयन अगले तीन सालों के लिए किया जाएगा, इसके बाद मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन दोबारा टेंडर जारी करेगा, जिसके टेंडर में न्यूनतम प्रीमियम लेने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। एमपीआरडीसी नि:शुल्क इलाज के लिए जिन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन करेगा उसकी सूची इंश्योरेंस कंपनी को भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कंपनी को घायलों के सर्वे और सत्यापन में किसी तरह की दिक्कत न हो।
पूरा रखा जाएगा रिकॉर्ड :
इसके तहत जिन अस्पतालों में इस योजना को लाया जा रहा है उनके पास आधार का सर्वर होगा जैसे ही किसी गंभीर घायल को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा वैसे ही थंब इंप्रेशन के माध्यम से पूरा रिकॉर्ड का पता चल जाएगा, इसी आधार नम्बर के जरिए घायलों का अस्पताल में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जिसके बाद सरकार को यह भी पता चल जाएगा कि घायल आयुष्मान भारत योजना स्कीम में है या नहीं।
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