सीधी बस हादसे की घटना को लेकर कमलनाथ का शिवराज सरकार पर तंज, कही बात
भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में एक ओर जहां सरकार द्वारा नई योजनाएं और कार्य किए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कई अप्रत्याशित घटनाओं का सिलसिला भी जारी है इस बीच ही सीधी बस हादसे की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने बयान में कही ये बात
इस संबंध में, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा कि, मध्यप्रदेश में परिवहन माफिया सक्रिय है। प्रदेश के राजमार्गों पर, सड़कों पर, अनफिट, बगैर फिटनेस, बगैर परमिट, बगैर बीमे के, क्षमता से अधिक यात्रियों को पशुओं की भाँति ठूँस-ठूँस बग़ैर स्पीड गवर्नर के, सैकड़ों बसे दुर्घटनाओं को खुला न्यौता देते हुए तेज गति से सरपट दौड़ रही हैं। ना इन बसों में यात्रियों के सुरक्षा के साधन हैं, ना ये सभी निर्धारित नियमों का पालन कर रही है। ना इनकी नियमित चेकिंग होती है, ना इनसे नियमों का पालन करवाया जाता है, एक हादसे के बाद हम जागते है और बाद में वही हाल, इसी कारण सीधी जैसे हादसे सामने आते हैं।
किसानों के मुद्दे को उठाते हुए भी बोले गृह मंत्री मिश्रा
इस संबंध में, आगे बयान देते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि, प्रदेश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश व ओलवृष्टि से फ़सलों को नुकसान की जानकारी सामने आ रही हैं। किसान भाई पहले से ही परेशानी व संकट के दौर से गुजर रहे हैं। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि तत्काल खराब फसलों का सर्वे करवाकर पीड़ित किसानों को मुआवज़ा प्रदान करने की कार्यवाही की जावे।
परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत से की इस्तीफे की मांग :
वहीं राज्य के परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत सीधी हादसे के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के अनेक नेताओं ने श्री राजपूत से त्यागपत्र की मांग करते हुए कहा कि "इतने बड़े हादसे के बावजूद वे कल भोपाल में एक कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर हंसी ठहाकों के साथ भोजन करते हुए दिखे।"
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा और अन्य नेताओं ने श्री राजपूत के इस तरह के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए कहा कि ये संवेदनहीनता का नमूना है। प्रदेश में जब इतना बड़ा हादसा हुआ, परिवहन मंत्री घटनास्थल पर पहुंचने की बजाए भोपाल में सार्वजनिक तौर पर दोपहर भोज का आनंद ले रहे थे। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि यदि श्री राजपूत त्यागपत्र नहीं देते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जाए।
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