भोपाल, मध्य प्रदेश। प्रदेश में व्याप्त महामारी कोरोनावायरस संकट के बीच अब प्रदेश के मानसून पर भी संकट बादल छा रहे हैं जहां प्रदेश के कई जिलों में नदी तालाब उफान पर हैं वहीं दूसरी तरफ सूखे की स्थिति बनी हुई है इस बीच ही प्रदेश में 13% ताे 22 जिलाें में 19 से 40% तक कम बारिश हुई है। अगस्त माह में एक बार बारिश की उम्मीदों पर तेज हवाओं ने पानी फेरा है।
कम बारिश ने उभारी किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
इस संबंध में, प्रदेश में मानसून की बेरुखी के कारण बारिश का आंकड़ा लगातार कम हाे रहा है। वहीं दूसरी तरफ बीते दिन शनिवार तक राज्य में सामान्य से कम बारिश का आंकड़ा 13% पहुंच गया। पूर्वी मप्र के 20 में से 10 जिले सामान्य से कम बारिश की जद में आ चुके हैं। अन्नदाता यानी किसानाें के माथाें पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। इसमें विशेषज्ञों का कहना है कि, इस तरह की स्थिति से बची फसलें भी बर्बाद हाे जाएंगी।
30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं
इस संबंध में, प्रदेश के मौसम विभाग के माैसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि राजधानी भोपाल में गरज- चमक वाले बादल यानी सीबी क्लाउड बने थे। इन बादलाें से बिजली गिरने, तेज हवा चलने जैसी स्थिति बनती है। वहीं बीते दिन शनिवार सुबह से शाम तक घने बादल भी छाए लेकिन बारिश नमी न हाेने के कारण बारिश नहीं हुई।
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