मानसून आगमन की गड़गड़ाहट शुरू
मानसून आगमन की गड़गड़ाहट शुरूSyed Dabeer Hussain - RE

Bhopal Weather Update : मानसून आगमन की गड़गड़ाहट शुरू, अब जारी रहेंगी गतिविधियां

भोपाल, मध्यप्रदेश : सीबी क्लाउड बनने से गरज चमक के साथ शहर में हुई बारिश, लेकिन रिकार्ड में दर्ज नहीं। 48 घंटे में दक्षिणी मप्र और 20 जून तक पूरा प्रदेश कवर करेगा मानसून।

भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी में मानसून आगमन की गडग़ड़ाहट शुरू हो गई है। सोमवार शाम को शहर में कई इलाकों में गरज चमक के साथ तज बौछारें पड़ीं तो कहीं बूंदाबांदी हुई। इस दौरान बैरागढ़ क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण शहर में वर्षा दर्ज नही हुई, क्योंकि शहर की वर्षा बैरागढ़ स्थित मौसम केंद्र से मापी जाती है। मौसम का मिजाज बदलने से बीते कई महीनों से भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहे राजधानी वासियों को कुछ राहत मिल गई है। मौसम का मिजाज अभी भी मिलाजुला है, एक तरफ तेज हवा चलने से घरों के बाहर मौसम सुहावना हो गया, लेकिन घरों के अंदर उमस ने पसीने छुड़ा दिए हैं। वहीं राहत की बात यह है कि अब यह सिलसिला जारी रहेगा। इसलिए गर्मी के तेवर तीखे नहीं होंगे। मानसून के आमद से पहले प्री मानसून गतिविधियां जारी रहेंगी, उसके बाद मानसून सक्रिय हो जाएगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले 48 घंटे में मानसून दक्षिणी मध्यप्रदेश में दस्तक दे देगा। उसके बाद चार-पांच दिन में पूरे प्रदेश में कवर कर लेगा।

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में अरब सागर की और से सिस्टम काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बंगाल की खाड़ी में ज्यादा सक्रीयता नहीं है। दोनों जगह सक्रियता बढ़ने से वर्षा की गतिविधियों में तेजी आ जाएगी। प्रदेश में मानसून के अपनी निर्धारित तारीख 15 जून तक दस्तक देने की संभावना दिख रही है। इसी गति से आगे बढ़ा तो 15 से 20 जून के बीच मानसून पूरे प्रदेश में छा जाएगा। मानसून आगमन से पहले भी वर्षा की गतिविधियां थमेंगी नहीं, इसलिए तेज गर्मी नहीं पड़ेगी, लेकिन वातावरण में नमी बढ़ने के कारण उमस परेशान करेगी। झमाझम वर्षा के बाद ही उमस से छुटकारा मिलगेा।

ये सिस्टम सक्रिय :

साहा ने बताया कि सोमवार को दक्षिण पश्चिम मानसून और आगे बढ़ गया। अब उसकी उत्तरी सीमा दियू, नन्दूरबार, जलगांव, परभनी, तिरुपति, पांडिचेरी और बंगाल की खाड़ी से होते हुए बुलरघाट से गुजर रही है। वर्तमान में अपतटीय ट्रफ दक्षिणी गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक विस्तृत है। वहीं दुर्बल पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप पाकिस्तान में अवस्थित है, जबकि मंगलवार से अगले पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। वहीं पूर्व-पश्चिम ट्रफ हरियाणा से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी बंगाल, सिक्किम और पूर्वी असम तक विस्तृत है। साथ ही पूर्व मध्य अरब सागर में अवस्थित चक्रवातीय परिसंचरण अभी भी सक्रिय है, जिससे होकर ट्रफ लाइन महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश तक गुजर रही है।

ऐसा रहा मौसम का मिजाज :

शहर में सोमवार को सुबह धूप निकली और दोपहर से बादलों की तांक-झांक भी शुरू हो गई। हीटिंग के साथ ही नमी अधिक होने के कारण गरज चमक वाले बादल (सीबी क्लाउड) बन गए। लोकल सिस्टम के प्रभाव से पुराने व नए भोपाल के कई इलाकों में गरज चमक के साथ तेज बारिश हुई। बैरागढ़ में बारिश नहीं होने के कारण शहर में वर्षा दर्ज नहीं हुई। कई इलाकों में कम बारिश हुई। शाम करीब 6:15 के आसपास एक बार फिर गरज चमक की स्थिती बन गई। साहा ने बताया कि सोमवार को पश्चिमी हवा चली और हवा कि औसत रफ्तार अधिक नहीं रही। मंगलवार को भी गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

पारा बीते दिन से अधिक :

सोमवार को बादलों की आवाजाही बनी रहने से लोकल सिस्टम बन गया। सोमवार को दिन का पारा 38.7 डिग्री रहा जो कि रविवार के तापमान 32.9 डिग्री के मुकाबले 5.6 डिग्री अधिक रहा। दिन व रात का पारा सामान्य रहा। न्यूनतम तापामन में भी 1.4 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो गई और पारा 26.0 डिग्री पर पहुंच गया। साहा ने बताया कि अब मौसम मिलाजुला ही रहेगा। तापमान 40 डिग्री से ज्यादा नहीं रहेगा।

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