इंदौर, मध्यप्रदेश। प्रदेश में महामारी का प्रकोप जहां बढ़ते संक्रमण के साथ अब भी जारी हैं तो वहीं संक्रमण काल में कई अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन की खबरें भी सामने आ रही हैं, इस ही आज हिंदी दिवस के मौके पर शहर के रीगल चौराहे पर हिंदी शिक्षकों के पदों की वृद्धि को लेकर कुछ संगठनों ने प्रदर्शन किया। जहां प्रदर्शन करते हुए शिक्षकों के पद जल्द भरे जाने की मांग की है।
प्रदेश के कई स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे है स्कूल
इस संबंध में मांग उठाते हुए कहा कि, परीक्षा वर्ग- 2 में सिर्फ 100 पदों पर ही भर्ती की गई, जबकि अन्य विषयों पर इससे कहीं ज्यादा पद भरे गए। प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है। इसके अलावा हिन्दी के शिक्षकों को लेकर सरकार अनदेखी कर रही है, जब हम अपनी मांग लेकर सरकार के पास जाते हैं तो हम पर लाठी बरसाते हैं। सरकार से मांग है कि, हिंदी के पदों में वृद्धि की जाए वहीं 5 हजार पदों से कुछ नहीं होगा।
डिग्रीधारी छान रहे है सड़कों की खाक
इस संबंध में, प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी प्रमोद नामदेव का कहना है कि, हमारी मातृभाषा हिंदी है, लेकिन सरकारें लगातार भाषा की अवहेलना कर रही हैं। यदि सरकार हिंदी को लेकर इतनी चिंतित है तो हमारी मांग है कि वे हिंदी शिक्षक के पद बढ़ाए। हिंदी में पीएचडी, एमफिल, बीएड कर चुके छात्र सड़कों की खाक छान रहे हैं। इसके अलावा जिन छात्रों ने शिक्षक बनने का सपना देखा, लेकिन अब वे दूसरा काम करने को मजबूर हैं। युवा जब भर्ती की मांग लेकर सरकार के पास जाता है तो वहां उन पर डंडा चलता है।
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