महाकाल मंदिर को लेकर SC का एक और निर्देश
महाकाल मंदिर को लेकर SC का एक और निर्देशSocial Media

उज्जैन: महाकाल मंदिर को लेकर SC का एक और निर्देश, गायों का दूध होगा अर्पित

उज्जैन, मध्यप्रदेश: महाकाल मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत अब गायों का दूध ही भगवान को अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा।

उज्जैन, मध्यप्रदेश। प्रदेश में महामारी कोरोना का प्रकोप जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं दूसरी तरफ संक्रमण के माहौल में कई मुद्दों पर कार्यवाहियां जारी है इस बीच ही एक बार फिर महाकाल मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत अब गायों का दूध ही भगवान को अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा।

मंदिर की नई गौशाला का होगा निर्माण

इस संबंध में, नए निर्देश में बताया गया कि, महाकालेश्वर मंदिर समिति अब गोपालन करेगी। जिसमें मंदिर की नई गोशाला बनाई जाएगी। इसमें गिर नस्ल की कम से कम 150 गायें पालेंगे। इन गायों का दूध ही भगवान को अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही गौशाला को लेकर बताया गया कि, गौशाला में गोबर, गोमूत्र आदि के उत्पादन तैयार करने के लिए समिति का प्रतिनिधि मंडल देश की उन गोशालाओं को अध्ययन करने जाएगा, जहां यह काम सफलता से हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में इन बातों का हुआ था जिक्र

इस संबंध में, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया कि, पंचामृत पूजन पर रोक के साथ ज्योतिर्लिंग को घिसने और रगड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को आदेश देते हुए कहा कि, मंदिर समिति क्षरण (रिसना) रोकने के उपायों को तत्काल लागू करें। कोर्ट ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों को अमल में लाएं। बता दें इस कमेटी ने ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए मंदिर समिति को सुझाव दिए थे। वहीं इसके अलावा आम श्रद्धालु को पंचामृत अभिषेक करने की अनुमति नहीं होगी केवल शासकीय पूजन में ही पंचामृत पूजन हो सकेगा। श्रद्धालु को शिवलिंग पर घिसना और रगड़ना भी प्रतिबंधित किया गया है।

कोर्ट के आदेश के तहत पुजारियों को सौंपे दायित्व

इस संबंध में, बताया जा रहा है कि, प्रशासक ने मंदिर के 16 पुजारियों, 22 पुरोहितों व उनके प्रतिनिधियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर उनके दायित्व तय कर दिए हैं। वहीं ये भी कहा गया है कि, दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा दूध उत्पादन के साथ गोमूत्र, गोबर आदि से अन्य उत्पादन भी तैयार किए जाते हैं।

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