प्री मानसून गतिविधियों ने मोड़ा मुंह
प्री मानसून गतिविधियों ने मोड़ा मुंहSyed Dabeer Hussain - RE

Bhopal : प्री मानसून गतिविधियों ने मोड़ा मुंह, राहत के लिए अब सिस्टम बनने का इंतजार

भोपाल, मध्यप्रदेश : प्री मानसून गतिविधियों के मुंह मोड़ने से राजधानी में गर्मी के तेवर लगातार हाई बने हुए हैं। गर्मी के तेवर दो साल बाद जून के महीने में इतने ज्यादा तीखे, फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं।

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्री मानसून गतिविधियों के मुंह मोड़ने से राजधानी में गर्मी के तेवर लगातार हाई बने हुए हैं। इसी क्रम में रविवार को दिन का पारा 43.8 डिग्री पर पहुंच गया। जून माह की बात की जाए तो गर्मी का मिजाज दो साल बाद इतना अधिक तीखा है। इससे पहले 08 और 10 जून 2019 को दिन का पारा 45.9 डिग्री तक जा पहुंचा था। इस साल मई अंत में लोगों को प्री-मानसून गतिविधियां शुरू होने से राहत की उम्मीद थी, लेकिन कोई विशेष सिस्टम सक्रिय नहीं होने से वातावरण में नमी कम है। यही वजह है कि लोकल सिस्टम (सीबी क्लाउड) भी नहीं बन पा रहे हैं। हवाओं की रफ्तार भी कम है। आसमान साफ रहने के कारण धूप भी तीखी है। ऐसे में अब लोगों को मानसून के दस्तक देने का इंतजार है।

बीते दो दिनों से एक ही जगह अटका है मानसून :

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मार्च से लेकर मई तक के तीन महीने गर्मी के मौसम के माने जाते हैं। उसके बाद प्री गतिविधियों के चलते गर्मी से राहत मिलने लगती है। लेकिन इस साल प्री मानसून गतिविधियां थम सी गई हैं। हालात 2019 की तरह बने हुए हैं। उस साल भी अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री तक जा पहुंच गया था। इसकी वजह यह है कि वर्तमान में कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है। जिससे प्री मानसून गतिविधियां नहीं हो रही हैं। अरब सागर में हलचल नहीं है। मानसून बीते दो दिन से कर्नाटक के आसपास अटक गया है, जिसके आगे बढऩे या प्रोग्रेसस करने की अगले दो दिन स्थिति भी नहीं दिख रही है। इसी तरह किसी सिस्टम के एक्टिव नहीं होने के कारण बंगाल की खाड़ी से बढ़ेन वाला मानसून भी पिछले दो दिन से सिलीगुड़ी में अटका हुआ है। इसलिए फिलहाल से राहत की उम्मीद भी नहीं है।

मानसून की प्रोग्रेस के लिए सक्रिय सिस्टम का होना जरूरी :

केरल में सामान्य तौर पर एक जून को मानसून दस्तक देता है, लेकिन इस बार 29 मई को ही पहुंच चुका है। वहीं मानसून के आगे बढऩे और सक्रिय होने के लिए किसी सिस्टम का बनना जरुरी है, वहीं अभी कोई भी सिस्टम एक्टिव नहीं है। इसलिए अगले 4-5 दिन गर्मी के तीखे तेवर बरकरार रहेंगे। इस दौरान पारा एकाध डिग्री बढ़ सकता है। मानसून की सही स्थिति 10-11 जून तक स्पष्ट होगी। बंगाल की खाड़ी में गतिविधियां बढ़ने और अरब सागर में हलचल होने पर मध्यप्रदेश में मानसून के आने की स्थिति साफ होगी।

मानसून कब आएगा और प्रदेश के कैसा रहेगा :

प्रदेश में मानसून ऑनसेट की तारीख 17 जून और राजधानी भोपाल में 20 जून है। वही पल्स / माइन्स चार दिन को भी सामान्य ऑनसेट ही माना जाता है। इस साल भी मानसून के 20 जून तक ऑनसेट होने के संभावना है। लेकिन राहत कि बात यह है कि इस बार प्रदेश में मानसून अच्छी बारिश लेकर आएगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार राजधानी भोपाल सहित पश्चिम मध्यप्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा होने के आसार हैं। वहीं पूर्वी मप्र में सामान्य या उससे कुछ कम वर्षा हो सकती है। साहा ने बताया कि पल्स / माइन्स 19 प्रतिशत को सामान्य वर्षा ही माना जाता है।

बढ़ते क्रम में पारा :

राजधानी का पारा जून की शुरूआत से ही बढ़ते क्रम है। रविवार को दिनभर तपिश रहने के कारण दिन का तापमान कम नहीं हुआ। अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 43.8 डिग्री रिकार्ड किया गया। यह शनिवार के अधिकतम तापमान से 0.9 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री ज्यादा रहा। यह रविवार के न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री के मुकाबले एक डिग्री कम रहा। सोमवार को शहर में दिन तापमान थोड़ा और बढ़ सकता है।

पिछले पांच दिनों में कुछ ऐसी रही पारे की चाल :

  • 5 जून को अधिकतम तापमान 43.8 (+3) न्यूनतम तापमान 29.3 (+2)

  • 4 जून को अधिकतम तापमान 42.7 (+2) न्यूनतम तापमान 30.3 (+3)

  • 3 जून को अधिकतम तापमान 43.5 (+3) न्यूनतम तापमान 29.6 (+3)

  • 2 जून को अधिकतम तापमान 42.8 (+3) न्यूनतम तापमान 29.4 (+2)

  • 1 जून को अधिकतम तापमान 43.1 (+3) न्यूनतम तापमान 28.8 (+1)

नोट: तापामन डिग्री सेल्सियस में है।

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