भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में जहां वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है वहीं दूसरी तरफ इस बीच शिवराज सरकार पार्टी के असंतुष्ट सांसद-विधायकों को एडजस्ट करने की तैयारी में है, बता दें कि शिवराज सरकार ने सांसदों और विधायकों को जिला को-ऑपरेटिव बैंकों में अध्यक्ष बनाने के लिए मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी (संशोधन) अध्यादेश 2020 लागू कर दिया है।
असंतुष्टों को साधने शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी :
बता दें कि शिवराज सरकार ने नाराज सांसदों और विधायकों को खुश करने का फार्मूला तलाश लिया है, मिली जानकारी के मुताबिक असंतुष्ट सांसद और विधायकों को जिला को-ऑपरेटिव बैंकों में अध्यक्ष बनाने के लिए सरकार ने प्रदेश सहकारी सोसायटी (संशोधन) अध्यादेश 2020 लागू कर दिया है, इसके साथ ही इन बैंकों के अध्यक्षों को कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा देने की तैयारी भी है।
सांसद-विधायकों को बैंकों में अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा देने की तैयारी :
मिली जानकारी के मुताबिक अब सरकार ने सहकारी एक्ट में संशोधन कर प्रदेश के सांसद और विधायकों को 34 जिला सहकारी बैंकों, अपैक्स बैंक सहित अन्य सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष बनाने का रास्ता निकाला है, ऐसे में असंतुष्ट सांसद और विधायकों को जिला को-ऑपरेटिव बैंकों में अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा देने की तैयारी कर ली है।
सांसद-विधायकों को पहले बैंक की प्राथमिक सदस्यता लेनी होगी :
बता दें कि बैंकों में अध्यक्ष बनने से पहले विधायक और सांसदों को बैंक का प्राथमिक सदस्य बनना होगा, इसके लिए वे ऋणी और अऋणी सदस्य बन सकेंगे।
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