ओबीसी आरक्षण और नगरीय निकाय चुनाव पर बोले भूपेंद्र सिंह, साधा कमलनाथ पर निशाना

भोपाल, मध्यप्रदेश : मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने कहा कि सरकार के इस संकल्प और उसे पूरा करने की प्रभावी कोशिशों के चलते इस आरक्षण के लिए किसी आंदोलन का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है।
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंह
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंहRaj Express

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने कहा है कि राज्य की सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए संकल्पबद्ध है और इसके लिए अदालत सहित किसी भी मंच पर सभी जरूरी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस संकल्प और उसे पूरा करने की प्रभावी कोशिशों के चलते इस आरक्षण के लिए किसी आंदोलन का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है। श्री सिंह बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य में चौथी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए पुरजोर प्रयास किए हैं। जबकि पूर्व की कांग्रेस सरकार इस मामले में केवल टालमटोली करती रही, जिसके चलते उस समय हाईकोर्ट में इस वर्ग की आवश्यकताओं को प्रभावी तरीके से नहीं रखा गया।

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा शुरू से ही ओबीसी वर्ग को उसका हक दिलाने के लिए प्रयासरत है। इसके चलते ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के इतिहास में पहली बार पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया। अब मध्य प्रदेश की सरकार विधानसभा की एक स्टैंडिंग कमेटी बना रही है। यह समिति ओबीसी आरक्षण के संबंध में पूरा अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार एक बार फिर उच्च न्यायालय में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के लिए पूरी ताकत के साथ अपना पक्ष रखेगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों की सेवा भी ले जाएगी।

प्रदेश में अगले छह महीने तक नगरीय निकाय चुनाव होना मुश्किल :

प्रदेश में नगरीय निकायों चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों के बीच प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कानूनी विषयों और कोरोना के चलते राज्य में फिलहाल आगामी छह महीने तक नगरीय निकायों के चुनाव होना मुश्किल है। श्री सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि "कानूनी विषयों और कोरोना के चलते राज्य में फिलहाल आगामी छह महीने तक नगरीय निकायों के चुनाव होना मुश्किल है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी न्यायालय में कोरोना के कारण अभी चुनाव कराने में असमर्थता जताई है। प्रदेश में ये चुनाव अब अगले साल यानी 2022 कराए जाएंगे।"

कमलनाथ सरकार ने आरक्षण के लिए कोई प्रयास नहीं किए :

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ (Kamal Nath) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में इस आरक्षण के लिए कोई प्रयास ही नहीं किए। उन्होंने कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग का भी विरोधी बताया। सिंह ने कहा कि सन 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जातिगत आधार पर जनगणना का काम रोक दिया था। ऐसा नहीं होता तो उसी समय से इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जा सकता था। नगरीय विकास और आवास मंत्री का कहना था कि नेहरू से लेकर कमलनाथ तक की सरकारों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर मामले को बिगड़ने का काम ही किया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार इस तथ्य को भी कोर्ट में प्रस्तुत करेगी कि मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग की बड़ी आबादी है तथा ऐसी विशेष परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट भी आरक्षण की हद बढ़ाने की बात कह चुकी है। गौरतलब है कि इस आरक्षण को लेकर राज्य उच्च न्यायालय में आगामी सुनवाई 10 अगस्त को होगी। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस सुनवाई में अपना पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए प्रदेश सरकार सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है।

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