बड़ी खबर: कमलनाथ के मीडिया समन्वयक Narendra Saluja ने थामा BJP का दामन, CM ने दिलाई सदस्यता
भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी सियासी गलियारों में फिर हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक जगत में नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होने की प्रक्रिया लगातार जारी है इस बीच ही कांग्रेस को एक बार फिर से झटका लगा है। बता दें, मध्य प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ के मीडिया समन्वयक और सबसे वफादार लोगों में शुमार नरेंद्र सलूजा ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है और कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया है।
कमलनाथ के कट्टर समर्थक रहे नरेंद्र सलूजा भाजपा में हुए शामिल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के तीसरे दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जब कमलनाथ के पूर्व मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा आज यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। सीएम शिवराज ने उन्हें मुख्यमंत्री निवास में भाजपा की सदस्यता दिलाई है।
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक थे नरेंद्र सलूजा
नरेंद्र सलूजा ने अपने सबसे पहले बयान में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के लिए कमलनाथ को दोषी बताकर सनसनी फैला दी है। सलूजा ने कहा कि वे कई वर्षों से कमलनाथ से जुड़े हुए हैं। पिछले पांच वर्षों से उनके मीडिया समन्वयक के तौर पर भी कार्य कर रहे थे। तब उनसे अनेक लोग कहते थे कि उन्हें कमलनाथ का साथ नहीं देना चाहिए। वे सिख विरोधी दंगों के दोषी हैं। उन्होंने सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया है। शुरूआत में तो वे मानते थे कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, लेकिन हाल ही में एक कीर्तनकार द्वारा सच्चाई बताए जाने के बाद से उनका मन परिवर्तित हुआ है। पहले वे ये सब बातें सत्य नहीं मानते थे।
लेकिन हाल ही में जब इंदौर में 08 नवंबर को कॉलेज में कमलनाथ के सार्वजनिक सम्मान के बाद प्रसिद्ध कीर्तनकार ने मंच से ही कमलनाथ का विरोध किया और उनके बारे में सच्चाई बतायी, तो उनका मन और दिल कांग्रेस व कमलनाथ से टूट गया। उस दिन से उन्होंने कमलनाथ से न तो बात की और न ही उनके संबंध में कोई बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब वे कमलनाथ के खिलाफ पूरे प्रदेश में सिख समुदाय को एकजुट करेंगे और उनके बारे में सच्चाई बताएंगे।
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी और वन मंत्री की मौजूदगी में सलूजा ने मीडिया से कहा कि, वे राहुल गांधी से भी कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं, लेकिन वे अपने साथ कमलनाथ को भी रखे हुए हैं, जिन्होंने दिल्ली में रकाबगंज गुरुद्वारे के पास सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया था सलूजा ने कहा कि, इंदौर के खालसा कॉलेज विवाद के बाद उन्हें सच्चायी का पता चला और वे तब से कमलनाथ के संपर्क में नहीं हैं।
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