बुरहानपुर। विगत 20 अप्रैल 2018 को बुरहानपुर में एक ज्ञापन और प्रदर्शन के दौरान मची भगदड़ और तोड़फ़ोड़ के बाद कोतवाली थाने में बुरहानपुर विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह सहित अन्य करीब 54 लोगों के खिलाफ 9 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें म.प्र. शासन ने आरोपियों की अपील पर इस मामले में जांच करवाई। जिसमें से 7 मामलों में शासन के लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा मामले वापस लिए जाने की अनुशंसा जिला प्रशासन बुरहानपुर को की गई है।
बुरहानपुर विधायक भी आरोपियो में शामिल :
इन सात में से पांच मामलों के आरोपियों में बुरहानपुर विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह का नाम भी सामने आया है। दो अन्य मामलों में भी सुरेंद्र सिंह ऊर्फ शेरा (Burhanpur MLA) आरोपी घोषित हुए। बुधवार को बुरहानपुर में आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में आरोपी पक्ष के वकील ने पत्रकारों को शासन द्वारा आपराधिक प्रकरणों के प्रत्याहरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। इस मौके पर विधायक सुरेंद्र सिंह के भतीजे हर्षित सिंह ठाकुर सहित उनके समर्थक भी मौजूद थे।
54 आरोपियों के विरूद्ध मामले दर्ज :
20 अप्रैल 2018 की घटना के बाद करीब 54 आरोपियों के विरूद्ध मामले दर्ज किए गए। 9 मामलों में से 8 मामलों में विधायक सुरेंद्र सिंह के भतीजे हर्षित ठाकुर का भी नाम सामने आया है। ठाकुर हर्षित सिंह ने कहा, 'यह मामले तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते बनवाए थे' । शासन द्वारा मामलों की जांच करवाने के बाद, मामले वापस लिए जाने की अनुशंसा पर सभी उपस्थितजनों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार माना।
क्या था मामला :
जानकारी के अनुसार, कठुआ कांड के विरोध में 20 अप्रैल 2018 को शहर में एक रैली निकाली गई थी। इस दौरान भीड़ ने तोड़फ़ोड़ कर दी थी। इस मामले में ठाकुर सुरेंद्र सिंह युवकों को समझाईश देने के लिए गए थे। घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने सुरेंद्र सिंह सहित युवकों पर केस दर्ज कर लिए थे।
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