ग्वालियर: भाजपा के लिए चिंता बनी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: उप चुनाव से पहले सैकड़ों कार्यकर्ताओं के कांग्रेस में जाने से भाजपा को झटका लगा है। भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने सक्रिय हुए।
ग्वालियर: भाजपा के लिए चिंता बनी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना
ग्वालियर: भाजपा के लिए चिंता बनी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करनासांकेतिक चित्र

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस सरकार का अपदस्थ किया था, उसी तर्ज पर अब कांग्रेसी भी सक्रिय हो गए हैं। उप चुनाव से पहले भाजपा को झटका देने के लिए जिले के हिसाब से कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है ओर इस जिम्मेदारी का ग्वालियर में असर भी दिखाई दे चुका है। भाजपा के सामने अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी की नियुक्ति के बाद से ही काफी संख्या में भाजपाई पहले से नाराज हैं और खुलकर कह भी चुके हैं कि अगर जिलाध्यक्ष नहीं बदला तो उप चुनाव में भाजपा के लिए काम नहीं करेंगे।

सिंधिया समर्थक कांग्रेसियों के भाजपा में आने के बाद से ही भाजपा के अंदर उथल-पुथल मची हुई है। सिंधिया समर्थक एवं भाजपा के बड़े नेताओं के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए प्रदेश के कद्दावर मंत्री नरोत्तम मिश्रा कई दौरे कर चुके हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के घर भी जा चुके हैं। नरोत्तम की इस कोशिश का असर भी हुआ और सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री माया सिंह ने शिरकत कर यह संदेश देने का काम किया कि वह नाराज नहीं है। नरोत्तम मिश्रा अपनी जिम्मेदारी के तहत लगातार ग्वालियर का दौरा कर रहे हैं और भाजपा के नाराज कार्यकर्ताओं को भी समझाने का काम कर रहे हैं। अब कार्यकर्ता किसी न किसी नेता से जुड़ा होता है ऐसे में उन नेताओं को मनाने का काम भी करना होगा। वैसे नरोत्तम मिश्रा सभी बड़े नेताओ के यहां जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछ चुके हैं और सिंधिया समर्थकों के साथ चलने की बात भी समझा चुके हैं। भाजपा जहां अपने नाराज कार्यकर्ताओं को समझाने में लगी है वहीं कांग्रेस नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने के लिए सक्रिय हैं।

ग्वालियर में कांग्रेसी दिखा रहे दम :

ग्वालियर सिंधिया का गढ़ है इसलिए कांग्रेस सिंधिया के गढ़ में ही उनको घेरने की रणनीति के तहत काम कर रही है। ग्वालियर शहर में भाजपा को झटका देने के लिए नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए कुछ कांग्रेसियों को जिम्मा दिया गया है। बड़े नेताओं से तो कांग्रेस के बड़े नेता पहले दौर की बात कर चुके हैं जबकि कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से जोड़ने के लिए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री साहब सिंह गुर्जर खासे सक्रिय दिख रहे हैं। गुर्जर के प्रयास से ही कुछ दिन पहले भाजपा के करीब ढाई सैकड़ा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल कराया गया था। यह साहब सिंह कभी सिंधिया के सबसे खास हुआ करते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के समय जब उनको टिकट नहीं मिला था तो वह बसपा में चले गए थे और बाद में दिग्विजय सिंह के माध्यम से कांग्रेस में लौटे थे। अंचल में दिग्गी समर्थक का इस समय बोलबाला चल रहा है इसलिए रणनीति के तहत दिग्गी समर्थक ही सक्रिय होकर अपने काम में लगे हुए हैं। अब भाजपा नेताओं के सामने कांग्रेस की रणनीति को काटने की चिंता होगी, क्योंकि कई ऐसे कार्यकर्ता है जो सिंधिया समर्थकों से सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे है जिसके कारण वह नाराज हैं।

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