बुरहानपुर: बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय की हालत जर्जर

बुरहानपुर: वर्षो पुरानेे शहर का एकमात्र बस स्टैंड अब जर्जर हो चुका है, बारिश में छतों से पानी टपकता है, हजारों यात्री बसों के इंतजार में इस प्रतीक्षालय में बैठते हैं, कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय की हालत जर्जर
बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय की हालत जर्जरGanesh Dunge

राज एक्‍सप्रेस। इंदौर शहर के सरवटे बस स्टैंड के निर्माण के दौरान ही शहर का बस स्टैंड भी बना था। सरवटे बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय (Sarwate Bus Stand Passengers Waiting Room) को नवनिर्माण के लिए तोड़ दिया गया है, लेकिन शहर के बस स्टैंड का जर्जर यात्री प्रतीक्षालय अब भी खड़ा है। ये कमजोर हो चुका है, इसकी कमजोरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, पूरी बारिश प्रतीक्षालय की छत से पानी टपकता रहा।

हो सकती है बड़ी दुर्घटना :

पानी टपकने का मतलब है छत का मटेरियल अब सरियों का साथ छोड़ रहा है। ये किसी भी समय धराशायी हो सकता है, हर दिन प्रतीक्षालय में हजारों यात्री बसों के इंतजार में बैठते हैं, कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। जर्जर, शिकस्ता भवनों को चिह्नित करने का दावा नगर निगम कर रही है, लेकिन सबकी आंखों के सामने खड़े यात्री प्रतीक्षालय की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बुरहानपुर बस स्टैंड के यात्री प्रतीक्षालय को बने 41 साल हो चुके हैं।

1978 में हुआ था निर्माण :

1978 में इसका निर्माण हुआ था, जब ये बना था पूरी तरह मजबूत था। इसकेे बड़े-बड़े पिल्लर और मोटी दीवारों से मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन समय-समय पर इसकी मरम्मत नहीं हुई। इस कारण ये अब जर्जर हो गया है। अब यात्री प्रतीक्षालय की जगह नव-निर्माण की मांग उठ रही है, क्योंकि अब ये मरम्मत करने लायक भी नहीं बचा है। इसकी देखरेख का जिम्मा अभी नगर-निगम के पास है। इसकी छत पर एक लॉज भी है, कई कमरे बने हैं। छत पर दबाव पड़ रहा है।

छत की हालत बेहद ही खराब :

प्रतीक्षालय की अंदर की छत की हालत खराब है, इसका प्लास्टर गिरता रहता है, इस कारण छत खुरदुरी हो गई है। 200 से ज्यादा बसों से हजारों यात्री यहाँ प्रतीक्षा करते हैं, यात्रा बुरहानपुर महाराष्ट्र राज्य की सीमा से सटा है। इस कारण हर दिन महाराष्ट्र की 50 से ज्यादा बसे चलती हैं। इसके अलावा इंदौर के लिए सैकड़ों बसे चल रही हैं। जिले के 50 से ज्यादा गांवों में यहां से बसों का संचालन हो रहा है। दिनभर में लगभग 200 से ज्यादा बसें बस स्टैंड से निकलती हैं। बस के इंतजार में यात्री प्रतीक्षालय में बैठते हैं, जर्जर प्रतीक्षालय के कारण यात्रियों की जान खतरे में है। इसलिए नए प्रतीक्षालय निर्माण की मांग की जा रही है।

स्कूल हादसे से सबक लें नगर निगम और प्रशासन :

हाल ही में राजपुरा के निजी वैदिक विद्यापीठ स्कूल की लगभग 20 साल से ज्यादा पुराने कक्ष की छत गिर गई थी, इसमें एक बालक घायल हो गया था। इस हादसे के बाद से नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं, शहर में कई जर्जर भवन है, जो 40 से 50 साल पुराने हैं। बस स्टैंड का यात्री प्रतीक्षालय भी इनकी गिनती में आता है। स्कूल की छत गिरने का कारण अधिक बारिश बताया गया। इसी तरह यात्री प्रतीक्षालय की छत भी बारिश में टपकती रहती है, प्रतीक्षालय की छत से इतना पानी टपकता है कि, नीचे फर्श गीली हो जाती है। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पानी टपकने से कीचड़ भी मच जाती है, इससे बदबू आती है।

यात्री प्रतीक्षालय नया बनाने का विचार करें प्रशासन :

हर साल बारिश में ये परेशानी उठाना पड़ती है, प्रशासन को यात्री प्रतीक्षालय की जर्जर अवस्था को ध्यान में रखकर इसे ढहाकर नया बनाने का विचार करना चाहिए। बाइक, कार के लिए नहीं है, पार्किंग शहर के बस स्टैंड पर सिर्फ बसों के खड़े रहने के लिए जगह है। अन्य वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। हर दिन सैंकड़ो लोग कार, बाइक लेकर आते हैं। जगह नहीं होने के कारण कहीं भी वाहन खड़ा कर देते हैं। कार चालक बस स्टैंड के बाहर हाईवे किनारे कार खड़ी करते हैं। इतने सालों में नगर-निगम और पुलिस विभाग पार्किंग के लिए बस स्टैंड पर व्यवस्था नहीं कर पाया है।

नए बस स्टैंड की योजना पर नहीं हुआ काम :

लगभग 5 साल पहले नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए योजना पर काम शुरू हुआ था। नगर निगम इसका निर्माण करने वाली थी। हमीदपुरा में जमीन भी चिह्नित करने के दावे किए गए थे, लेकिन अब तक इस योजना पर काम नहीं हुआ। शहर से बाहर दूसरा बस स्टैंड महाराष्ट्र की बसों के लिए बनाया जाना था। पुराने बस स्टैंड पर जगह कम और बसों की संख्या ज्यादा होने के कारण दूसरे बस स्टैंड की जरूरत पड़ रही है।

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