इंदौर : पांव पसारता जा रहा है नशीली टेबलेट का कारोबार

इंदौर, मध्य प्रदेश : अल्प्राझोलम की अवैध बिक्री चुनौती बन गई है। सूत्रों के मुताबिक अवैध शराब बेचने वाले भी इसका उपयोग करने लगे हैं। ये नशीली टेबलेट के सहारे अवैध शराब बना देते हैं।
पांव पसारता जा रहा है नशीली टेबलेट का कारोबार
पांव पसारता जा रहा है नशीली टेबलेट का कारोबारSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। अनलॉक के बाद शहर में हर तरह के अपराधों को रोकने की दिशा में पुलिस, क्राइम ब्रांच मैदान में है। गुंडे बदमाशों से लेकर नशेडिय़ों एवं नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई की जा रही है। कुछ अरसा पहले तक शहर में नाइट्रावेट नाम की नशीली टेबलेट ने पुलिस का जीना हराम कर दिया था। इस पर प्रतिबंध के बाद अब अल्प्राजोलम टेबलेट सिरदर्द बनती जा रही है। इसका कारोबार शहर से लेकर गांवों तक फैलने लगा है। नाइट्रावेट के बाद अब बाजार में अल्प्राझोलम ने कब्जा करना शुरु कर दिया है। गुंडे-बदमाशों के लिए सस्ता नशा बनी ये टेबलेट भी नाइट्रावेट से कम घातक नहीं हैं।

अल्प्राझोलम बन गई चुनौती :

बताते हैं कि अल्प्राझोलम की अवैध बिक्री चुनौती बन गई है। सूत्रों के मुताबिक अवैध शराब बेचने वाले भी इसका उपयोग करने लगे हैं। ये नशीली टेबलेट के सहारे अवैध शराब बना देते हैं जो स्वास्थ्य के साथ ही समाज के लिए भी बेहद घातक है। नशे की लत के कारण ही बाल अपराधियों की संख्या भी बढती जा रही है। दवा व्यवसाय से जुड़े लोग पैसा कमाने के लिए इसका अवैध धंधा करते हैं। अल्प्राझोलम की खेप के साथ पकड़े गए आरोपी के बारे में पता चला है कि वह तीन गुना दाम में अवैध रुप से इन टेबलेट को बेचता था। उसका रिश्तेदार भी केमिस्ट बताया जा रहा है। उससे पूछताछ में कई राज खुलने की संभावना है।

क्यों लगा नाइट्रावेट पर प्रतिबंध :

काफी अरसे पहले तक अपराधी नशे के लिए मेंड्रेक्स की गोली का सेवन करते थे। इस गोली की सहायता से अवैध शराब भी बनती थी। इसके निर्माण पर प्रतिबंध लगने के बाद नशेडिय़ों ने नाइट्रावेट की गोली का सेवन शुरु कर दिया। नाइट्रावेट का नशा सस्ता होने और आसानी से सुलभ होने के कारण गुंडे बदमाशों में इसका चलन तेजी से शुरु हुआ और धीरे-धीरे इंदौर के कई गुंडे बदमाश इसका धड़ल्ले से सेवन करने लगे । इसके सेवन के बाद शहर में कई जघन्य अपराध हुए नाइट्रावेट को प्रतिबंधित कर दिया गया।

नाइट्रावेट का नशा बेहद घातक है। इसका नशा करने के बाद आदमी अपनी सुधबुध खो बैठता है। यदि शराब के साथ इसका सेवन किया जाए तो इसे लेने वाला काफी हिंसक हो जाता है, वह इसकी परवाह नहीं करता कि इसका अंजाम क्या होगा। नशा करने वाले को जो धुन सवार हो जाती है वह उसी काम को करना शुरु कर देता है। ऐसे हालातों में यदि उसके पास घातक हथियार हो तो वह बेहद हिंसक हो जाता है। मनोचिकित्सक डाक्टर के मुताबिक अल्प्राजोलम का उपयोग मानसिक रोगियों को नींद लाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा अनिद्रा और डिप्रेशन वाले रोगियों को भी ये गोलियां दी जाती हैं। इन गोलियां की बिक्री पर इंदौर में प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन आसपास के इलाकों में ये गोलियां चलन में हैं। वैसे यदि ये गोली कोई शराब के साथ सेवन कर ले तो वह बेहद घातक हो जाती है।

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