ग्वालियर, मध्य प्रदेश। राजस्थान में अपनी ही सरकार को संकट में डालने के बाद हाईकमान की समझाईश के बाद लौटे सचिन पायलट का उपयोग प्रदेश के उप चुनाव में किया जा सकता है। ग्वालियर-चंबल के इलाके में जहां सिंधिया का प्रभाव बताया जाता है उस क्षेत्र में पायलट को लाया जा सकता है।
सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद उनके जिन विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस सरकार को गिराने का काम किया है उसको लेकर कांग्रेस खासी आक्रोशित है। कांग्रेस ने अपने अभियान में भाजपा को छोड़ सिंधिया को सीधे निशाने पर लिया है और कुछ कांग्रेसियों का कहना भी है कि हमारी लड़ाई भाजपा से नहीं बल्कि सिंधिया से है जिनके कारण वोट से चुनी हुई सरकार को गिराया गया है। उप चुनाव में कांग्रेस हर रणनीति पर काम कर रही है और सिंधिया के चेहरे को चुनौती देने के लिए उसी के समान दूसरे चेहरे को सामने लाने पर विचार किया जा रहा है। कांग्रेस सूत्र का कहना है कि सचिन पायलट युवा होने के साथ ही स्वच्छ छवि के तो है हीं साथ ही भाषण देने में भी वह काफी निपुण हैं, यही कारण है कि ग्वालियर-चंबल में 16 सीटो पर होने वाले उप चुनाव में कांग्रेस के सचिन पायलट आकर सिंधिया को चुनौती देंगे। यहां बता दें कि सचिन व सिंधिया की दोस्ती काफी मजबूत मानी जाती है और जब राजस्थान में सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था तो यह कहा जाने लगा था कि सिंधिया ने ही सचिन को राजस्थान की गहलोत सरकार को गिराने के लिए राजी किया था, लेकिन सचिन ने राजनीतिक परिपूर्णता से काम लेते हुए पहले कांग्रेस हाईकमान से बात की और अपनी नाराजगी उनके सामने रखी। सचिन की नाराजगी को कांग्रेस हाईकमान ने जब दूर कर दिया तो वह लौट आएं थे और राजस्थान की कांग्रेस सरकार का संकट टल गया था।
गुर्जर बाहुल्य इलाके में है खासा प्रभाव :
ग्वालियर-चंबल की जिन 16 सीटों पर उप चुनाव होने वाला है उसमें से कुछ विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर वोट खासा प्रभाव रखते हैं। सचिन पायलट का अपने समाज में खासा प्रभाव है और इसी प्रभाव का उपयोग कांग्रेस चुनाव के समय सचिन को लाकर कर सकती है। लोकसभा चुनाव के समय से ही अंचल के गुर्जर समाज कुछ हद तक सिंधिया से नाराज बताया जा रहा है, जबकि पहले गुर्जर समाज पूरी तरह से सिंधिया के साथ था। अंचल में सिंधिया का प्रभाव काफी माना जाता है और युवा चेहरा होने के कारण जोशीला भाषण देने में महारथ हासिल है ऐसे में कांग्रेस उनकी काट के लिए युवा नेता सचिन पायलट को प्रचार के लिए ला सकती है।
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