छतरपुर में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज को भारत सरकार ने दी मंजूरी

छतरपुर मध्यप्रदेश : भारत सरकार ने छतरपुर में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज को अपनी सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम में शामिल कर लिया है जिसके तहत अब इस कॉलेज का निर्माण किया जाएगा।
छतरपुर मेडिकल कॉलेज को
मंजूरी
छतरपुर मेडिकल कॉलेज को मंजूरीPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। लंबे अरसे से चली आ रही छतरपुर मेडिकल कॉलेज की मांग को अब भारत सरकार का सहारा मिल गया है। भारत सरकार ने छतरपुर में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज को अपनी सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम में शामिल कर लिया है जिसके तहत अब इस कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2018 में मप्र की तत्कालीन शिवराज सरकार को कैबिनेट ने छतरपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के बाद नौगांव रोड पर जमीन का आवंटन एवं प्रारंभिक निर्माण के लिए टेण्डर भी जारी हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों से यह पूरी प्रक्रिया उलझ गई।

अगस्त 2019 में भारत सरकार ने देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के अंतर्गत छतरपुर के पूर्व घोषित मेडिकल कॉलेज को भारत सरकार ने सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम में शामिल कर लिया है। 26 सितम्बर को दिल्ली में टेक्रिकल एवलयूशन कमेटी की एक बैठक में देश के 31 मेडिकल कॉलेज को इस स्कीम से विकसित करने पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। जानकार बताते हैं कि अब छतरपुर का मेडिकल कॉलेज सीधे भारत सरकार की फंडिंग से एक बेहतर मुकाम हासिल कर सकेगा। भारत सरकार मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ एक सम्बद्ध अस्पताल का विकास भी करेगी।

अब तक क्या हुआ

तीन सालों तक छतरपुर की जनता ने सड़क पर उतरकर यहां मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग उठाई थी। 2015 से 2018 तक लगभग सौ से ज्यादा प्रदर्शन आम जनता के द्वारा किए गए थे जिसके बाद अगस्त 2018 में मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद मप्र की तत्कालीन शिवराज सरकार को कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी और फिर अक्टूबर 2018 में मुख्यमंत्री ने चुनाव के ठीक पहले मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी कर दिया था। इसके लिए नौगांव रोड पर ग्राम गौरगांय के समीप लगभग 35 एकड़ जमीन भी चिन्हित की जा चुकी है। हांलाकि इस जमीन को लेकर हाईकोर्ट में विवाद चल रहा है।

उधर प्रारंभिक निर्माण के लिए 2 करोड़ का एक बजट भी जारी किया गया लेकिन यह टेण्डर नहीं हो पाया। इनकी मेहनत से करीब आ रही मंजिल छतरपुर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए सबसे ज्यादा प्रयास यहां की जनता ने किया है। जनता की अगुवाई करने वाले मेडिकल संघर्ष मेार्चा एवं मेडिकल संघर्ष समिति ने सौ से ज्यादा प्रदर्शनों के माध्यम से इस आवाज को भोपाल तक पहुंचाया था। आंदोलन बड़ा हुआ तो तत्कालीन छतरपुर विधायक ललिता यादव ने मुख्यमंत्री से छतरपुर मेडिकल कॉलेज की घोषणा कराई थी। घोषणा के दो माह बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और यहां से नई सरकार ने जिम्मा संभाला।

पिछले विधानसभा सत्र में छतरपुर विधायक ने मेडिकल कॉलेज को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया था और इसके शीघ्र निर्माण की मांग की थी। मप्र सरकार ने इस संबंध में भारत सरकार को भी पत्र लिखा था जबकि क्षेत्रीय विधायक ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर छतरपुर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की मांग की थी। शहर की जनता और जनप्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयास से मेडिकल कॉलेज जैसी बड़ी उपलब्धि अब करीब आ रही है। लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दो वर्षों में छतरपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो सकता है।

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