रेत के अवैध उत्खनन को रोकने का खोखला दावा करते नजर आए कंप्यूटर

छतरपुर, मध्य प्रदेश : अपनी राजनैतिक गतिविधियों के कारण चर्चा में रहने वाले कंप्यूटर बाबा इन दिनों मध्यप्रदेश के तमाम जिलों में रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए दौरे पर हैं।
पुलिस विभाग को लेकर रेत के घाटों पर पहुंचे कंप्यूटर बाबा
पुलिस विभाग को लेकर रेत के घाटों पर पहुंचे कंप्यूटर बाबाPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। अपनी राजनैतिक गतिविधियों के कारण चर्चा में रहने वाले कंप्यूटर बाबा इन दिनों मध्यप्रदेश के तमाम जिलों में रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए दौरे पर हैं। वे रविवार को छतरपुर पहुंचे और उन्होंने यहां भी अवैध उत्खनन को रोकने के लिए वही दावे किए जो वे पिछली यात्रा में कर गए थे। उनके दावे कितने खोखले हैं इसका प्रमाण भी उन्होंने अपनी कार्यवाही के दौरान दिया। जब वे खनिज, राजस्व, पुलिस और भारी सुरक्षाबल के साथ रेत के घाटों पर भी टहलने निकले। जिन विभागों के संरक्षण में रेत के अवैध उत्खनन होने के आरोप लगते हैं उन्हीं विभागों के साथ अवैध उत्खनन को जांचने पहुंचे कंप्यूटर बाबा को इन घाटों पर कोई अवैध उत्खनन नहीं मिल सका। बाबा का यह दिखावा चर्चा का विषय बना हुआ है। बाबा ने परेई और रामपुर रेत घाटों का दौरा किया।

शिवराज पर लगाए आरोप, कमलनाथ की प्रशंसा

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले से ही भाजपा और शिवराज से नाराज चल रहे कंप्यूटर बाबा ने एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने छतरपुर सर्किट हाउस में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनका पूरा परिवार रेत के अवैध कारोबार में लिप्त था। जितना अवैध उत्खनन शिवराज सिंह के कार्यकाल में हुआ फिलहाल उतना नहीं हो रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ नई खनिज नीति के साथ प्रदेश की नदियों को बचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी प्रदेश की सभी नदियों को अवैध खनन से बचाने के लिए दौरे कर रहा हूं और इनकी रिपोर्ट हर महीने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपता हूं।

खनिज मंत्री कर चुके हैं बाबा की आलोचना, नेताओं ने भी नहीं की आवभगत समय-समय पर ऐसे आरोप भी सामने आते रहे हैं कि कंप्यूटर बाबा खुद रेत के अवैध कारोबार में हिस्सेदारी चाहते हैं। उनके कई चेले-चपाटों को इस कारोबार में सेट करने के लिए वे जिलों के दौरे पर जाकर प्रशासन पर दबाव बनाते हैं और फिर इस कारोबार में सेट हो जाते हैं। बिना किसी अधिकृत एजेंसी के बाबा खुद ही छापामार एजेंसी बन जाते हैं और उनकी पिछले दिनों हुई यात्रा पर प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल भी सवाल उठा चुके हैं। खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने छतरपुर में ही कहा था कि बाबा कौन होते हैं जांच-पड़ताल करने वाले? रविवार को पत्रकारों ने कंप्यूटर बाबा से इसी संदर्भ में सवाल पूछा तो बाबा ने कहा कि, खनिज मंत्री मुझे जानते नहीं हैं। बाबा की इस यात्रा के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने भी उनकी आवभगत नहीं की जबकि पिछली बार नेताओं ने उनकी काफी आवभगत की थी।

पत्रकारों के तीखे सवालों पर तिलमिलाए बाबा

कंप्यूटर बाबा जब सर्किट हाउस में पत्रकारों से मिल रहे थे तब पत्रकारों ने बाबा से कई तीखे सवाल किए जिन पर कंप्यूटर बाबा तिलमिलाते नजर आए। पत्रकारों ने पूछा कि, आपके पिछले दौरे के बाद रेत का उत्खनन घटने की बजाय और अधिक बढ़ गया है? आप नदियों के किनारे पेड़ लगाने की बातें करते हैं लेकिन कलेक्टर, एसपी के साथ उनके ऑफिस में पेड़ लगाकर चले जाते हैं। पत्रकारों ने यह भी पूछा कि कांग्रेस के नेता विधायक और मंत्री जमकर अवैध उत्खनन कर रहे हैं तो आप खामोश क्यों रहते हैं। बाबा से यह भी पूछा गया कि आपने पिछली बार ऐलान किया था कि यदि रेत उत्खनन नहीं रुका तो दो हजार साधुओं के साथ धरना देंगे लेकिन फिर उन्हें लेकर क्यों नहीं आए। कंप्यूटर बाबा इन सवालों के जवाब देते हुए कई बार क्रोधित होते नजर आए।

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