अब प्लाट खरीदने वाले गरीबों पर लटक रही बेघर होने की तलवार

छतरपुर, मध्यप्रदेश : जिले की तीन कॉलोनियों में तीन हजार से ज्यादा अवैध मकानों का हुआ है निर्माण, सुनियोजित गिरोह ने सरकारी जमीनों पर कर डाली प्लाटिंग।
गरीबों पर लटक रही बेघर होने की तलवार
गरीबों पर लटक रही बेघर होने की तलवारPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में छतरपुर जिला मुख्यालय के आसपास पड़ी सरकारी जमीनों पर सुनियोजित भू-मफियाओं के गिरोह ने लगभग तीन हजार से ज्यादा गरीब परिवारों को प्लाट बेच दिए। गरीबों ने अपनी मेहनत मजदूरी की पाई-पाई इन सस्ते प्लाटों पर खर्च कर दी। गिरोह के लोग बताते रहे कि आगे चलकर उनके प्लाट का सरकारी पट्टा बन जाएगा। पिछले 10 सालों में शहर की तीन कॉलोनियां इसी तरह सरकारी जमीन पर बसा दी गईं। इन कॉलोनियों में रहने वाले तीन हजार से ज्यादा गरीब परिवारों के पास खुद के मकान तो हैं लेकिन मकान के स्वामित्व का कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं हैं इस खेल में भू-माफियाओं के साथ-साथ नगर पालिका छतरपुर से जुड़े लोग एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहे। ये कॉलोनियं हैं पन्ना रोड पर स्थित दुर्गा कॉलोनी, सटई रोड पर स्थित लक्ष्मण कॉलोनी एवं श्रीराम कॉलोनी।

सरकारी जमीन पर कब्जे के मकान पर मिली आवास की राशि
सरकारी जमीन पर कब्जे के मकान पर मिली आवास की राशिPankaj Yadav

सरकारी जमीन पर कब्जे के मकान पर मिली आवास की राशि :

पन्ना रोड पर छत्रसाल नगर के पीछे तीन दिन पहले प्रशासन की टीम ने जिस दुर्गा कॉलोनी पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी वह एक सरकारी जमीन पर बसायी गई कॉलोनी है। यहां रहने वाले सैंकड़ों परिवार या तो मजदूरी करते हैं या छोटे-मोटे काम धंधे करते हैं। इन गरीब परिवारों में से 70 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें बिना वैधानिक रजिस्ट्री के नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास की राशि भी दे दी गई। यहां रहने वाली एक बुजुर्ग महिला राजकुमारी कुशवाहा ने बताया कि, उसके पति गुजर चुके हैं। संतान के रूप में सिर्फ बेटियां थी जिनकी शादी हो चुकी है। यह प्लाट ही उसकी आखिरी पूंजी और ठिकाना है। अगर प्रशासन की गाड़ियां इसे तोड़ने आएंगी तो वह गाड़ी के आगे लेट जाएगी। हमें इस प्लाट पर आवास का पैसा मिला था जिस पर हमने मकान बना लिया।

1500 से ज्यादा मकान, ज्यादातर के पास रजिस्ट्री नहीं
1500 से ज्यादा मकान, ज्यादातर के पास रजिस्ट्री नहींPankaj Yadav

1500 से ज्यादा मकान, ज्यादातर के पास रजिस्ट्री नहीं :

सटई रोड पर लक्ष्मन कुशवाहा नाम के व्यक्ति और उसके परिवार ने सरकारी जमीन पर लक्ष्मन कॉलोनी बसा दी। इस जमीन पर वर्तमान में 1500 से 2000 लोगों के मकान बन चुके हैं। ज्यादातर मकान पक्के हैं। यहां रहने वाले लक्ष्मी राय ने बताया कि राजू कुशवाहा, लक्ष्मन कुशवाहा एवं लाले शिवहरे ने यहां के लोगों को प्लाट बेचे हैं। मैंने 60 हजार रूपए में प्लाट खरीदा था। प्लाट खरीदते समय बताया गया था कि इसका पट्टा बन जाएगा लेकिन आज तक पट्टा नहीं बना। अब मकान बना लिया है लेकिन हमारे पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है। इसी तरह हरचरण अहिरवार ने बताया कि कॉलेानी में सिर्फ सिर छुपाने की जगह बनाई है। यहां न तो सड़क है और न ही बिजली, नाली। कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास का पैसा भी मिल चुका है।

सैकड़ों मकानों के निर्माण के पहले सोता रहा प्रशासन
सैकड़ों मकानों के निर्माण के पहले सोता रहा प्रशासनPankaj Yadav

सैकड़ों मकानों के निर्माण के पहले सोता रहा प्रशासन :

सटई रोड पर ही श्रीराम कॉलोनी भी बसायी गई है। बगौता निवासी व्यक्ति के द्वारा यहां भी उसी तर्ज पर गरीबों को सरकारी प्लाट बेचे गए। इसी जमीन के निकट प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते मकानों की एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग नगर पालिका द्वारा निर्मित कराई जा रही है। विगत वर्ष जब बिल्डिंग के लिए इस जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए प्रशासन की टीम पहुंची थी तब यहां रह रहे गरीब परिवारों ने टीम पर हमला कर दिया था। दुर्भाग्य की बात ये है कि इन मकानों के निर्माण के दौरान प्रशासन ने कभी जांच नहीं की बल्कि नगर पालिका द्वारा टैक्स लिया गया और बिजली विभाग ने बिजली का कनेक्शन दिया है।

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