ठेकेदार ने लगाई गुहार, रेत की चोरी रोको सरकार

छतरपुर, मध्यप्रदेश : जिले का ठेका लेने वाली रेत कंपनी ने सरकार को बताई अवैध उत्खनन की परेशानी, रेत का हो रहा है बेतहाशा अवैध उत्खनन ।
ठेकेदार ने लगाई गुहार, रेत की चोरी रोको सरकार
ठेकेदार ने लगाई गुहार, रेत की चोरी रोको सरकारPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में हो रहे रेत के बेतहाशा अवैध उत्खनन के कारण जिले का ठेका लेने वाली रेत कंपनी आनंदेश्वर एग्रो फूड्स भी घबरा गई है। लगभग 76 करोड़ में जिले की संपूर्ण रेत के उत्खनन का ठेका लेने के बाद और अनुबंध के पूर्व ठेकेदार कंपनी ने सरकार को यहां हो रहे अवैध रेत उत्खनन की सच्चाई बताते हुए अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। ठेकेदार कंपनी का मानना है कि यदि इसी हिसाब से रेत की चोरी होती रही तो उसकी कंपनी को न सिर्फ कारोबार में घाटा लगेगा बल्कि इससे क्षेत्र में अराजकता भी फैल सकती है। मुख्यमंत्री, खनिज मंत्री सहित स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन एवं कलेक्टर एसपी को लिखे गए एक पत्र में कंपनी के डायरेक्टर एस.के. गुप्ता ने इलाके में हो रही रेत चोरी का बिंदूवार ब्यौरा दिया है और रेत उत्खनन कर रहे प्रभावशाली लोगों पर कार्यवाही की मांग की है।

पंचायत डंप एवं निजी भूमियों से हो रहा अवैध उत्खनन

कंपनी के डायरेक्टर सुनील कुमार गुप्ता ने सरकार को लिखे गए इस पत्र में बताया कि गौरिहार तहसील के अंतर्गत सरकार के द्वारा निजी भूमि खनन पट्टे, ग्राम पंचायत खनन पट्टे एवं भंडारण पिटपास के अधिकांश पट्टे जारी किए गए हैं। इन पट्टों में खनन के लिए आधा हेक्टेयर से लेकर 4 हेक्टेयर तक की जमीनें आवंटित की गई हैं लेकिन पट्टा लेने वाले खनिज कारोबारी निर्धारित जमीन के अलावा गैर अनुमति प्राप्त जमीन पर रेत का उत्खनन कर रहे हैं जिससे चारों तरफ बड़ी-बड़ी खाईयां हो गई हैं। इसके अलावा यूपी बॉर्डर से लगे केन नदी के सिंगारपुर, रामपुर, बरुआ, परेई, बारबंद, रामपुर घाट, पड़वार आदि में भी बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन हो रहा है और रेत माफियाओं ने बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र अंतर्गत गिरवां पुल से भूरागढ़ चौकी होते हुए वाहनों को निकालना शुरु कर दिया है। प्रतिदिन इस इलाके से लगभग 1 हजार ट्रकों को परिवहन अवैध रूप से किया जा रहा है। रेत माफियाओं ने गिरवां पुल के पास गहरी-गहरी खाईयां बनाकर भी रेत खोद डाली है जबकि पक्के पुल से 200 मीटर दूर तक रेत का उत्खनन नहीं किया जा सकता।

मंत्री, विधायक और प्रभावशाली लोगों के आगे बौना पड़ा प्रशासन

ठेकेदार कंपनी के डायरेक्टर ने अपने पत्र में नाम लिए बिना इस बात का उल्लेख किया है कि गौरिहार क्षेत्र के रेत घाटों पर प्रदेश के कई रसूखदार मंत्रियों, विधायकों एवं प्रभावशाली लोगों के द्वारा अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है जिसके कारण प्रशासन इनके विरुद्ध कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाता। उन्होंने मीडिया की खबरों के हवाले से शिकायत करते हुए कहा कि गौरिहार क्षेत्र के अधिकांश वैधानिक रेत घाटों एवं डंपों से पिटपास फर्जी तरीके से निकाले जा रहे हैं और इन्हीं पिटपासों के आधार पर बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन हो रहा है।

ठेकेदार की घबराहट इसलिए :

दरअसल छतरपुर जिले के लगभग 48 सभी रेत प्वाइंट्स को सरकार ने एक ही कंपनी के हवाले करने का फैसला लिया था। जिसके चलते एक खुली निविदा का आयोजन किया गया था। आनंदेश्वर एग्रो फूड्स कंपनी के द्वारा दिनांक 14.12.2019 को लगभग 76 करोड़ रुपए में जिले की पूरी रेत के उत्खनन का ठेका लिया है। जानकारों के मुताबिक एक साल में ठेकेदार कंपनी को टैक्स सहित सरकार को लगभग 91 करोड़ रुपए देने होंगे। इतनी बड़ी राशि देकर मुनाफा कमाना किसी भी कंपनी के लिए तभी संभव है जब अवैध रूप से रेत की चोरी रुक सके। हालांकि ठेकेदार कंपनी ने अब तक सरकार के साथ एग्रीमेंट नहीं किया है लेकिन कंपनी को डर है कि अगर रेत की चोरी नहीं रुकी तो फिर वह कारोबार कैसे कर पाएगा। यही वजह है कि अनुबंध के पहले ठेकेदार कंपनी अवैध उत्खनन कर रहे लोगों से रेत के घाटों को खाली कराना चाहती है।

शिकायत का असर, घाटों से गायब हुईं मशीनें :

ठेकेदार कंपनी के द्वारा मुख्यमंत्री को उक्त शिकायत 17 दिसंबर को की गई थी। इस शिकायत का असर भी अब छतरपुर में देखने को मिल रहा है। सरकार ने रेत माफियाओं को खदेड़कर ठेकेदार के माकूल माहौल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया, जिसके बाद एक टीम गठित कर कार्यवाहियां शुरू की गईं। बुधवार को गौरिहार क्षेत्र के परेई, मवई घाट, हर्रई और रामपुर में पुलिस की कार्यवाही के चलते अवैध रेत माफियाओं को खदेड़ दिया गया। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने जीरो टोलरेंस नीति के तहत रेत माफियाओं पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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