छतरपुर: थानों में बन रहीं माफियाओं की सूची, जल्द होगी कार्यवाही

मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शुरू किए गए एंटी माफिया अभियान का असर प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है, लेकिन छतरपुर जिले में अब भी जिला प्रशासन बैठकों और माफियाओं की सूचियां बनाने की बात कह रहा है।
बैठकों में जुटा प्रशासन
बैठकों में जुटा प्रशासनSubodh Tripathi
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राज एक्सप्रेस। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शुरू किए गए एंटी माफिया अभियान का असर प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है, लेकिन छतरपुर जिले में अब भी जिला प्रशासन बैठकों और माफियाओं की सूचियां बनाने की बात कह रहा है। सीएम के यह आदेश छतरपुर में कब अमलीजामा पहनाएंगे यह कहा नहीं जा सकता। उधर पिछले 15 वर्षों में सरकार के संरक्षण के चलते छतरपुर में भी हर तरह के माफिया ने अपने पैर पसार रखे हैं। जिले में सर्वाधिक सरकारी जमीनों पर प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ से ही कब्जा किया गया है। बिना मंजूरियों के माफिया ने ऊंची-ऊंची इमारतें बना लीं। जान-माल की सुरक्षा के मापदण्डों को दरकिनार कर बनाए गए माफिया के इस साम्राज्य पर आखिर कब गाज गिरेगी?

मापदण्डों को दरकिनार कर बनी अवैध इमारतें छतरपुर जिले में सरकार और प्रशासन के संरक्षण के कारण पिछले 15 सालों से अवैध निर्माण कार्यों का बोलबाला रहा है। एक-एक जमीन के तीन-तीन दावेदार और फिर बिना सक्षम अधिकारियों की सहमति के सरकारी जमीनों पर लूट के कई उदाहरण हैं। छतरपुर में ही सरकारी जमीनों पर बने कई होटल, मॉल, मैरिज हाउस माफिया की ताकत की कहानी कह रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने साफ इशारा किया है कि

गैरकानूनी तरीके से माफियाओं द्वारा तैयार किए गए साम्राज्य को तोड़ा जाए लेकिन 15 साल से छतरपुर जिले का प्रशासन ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पाया है तो क्या अब कमलनाथ के आदेश का असर जिले के माफियाओं पर होगा? रेत,प्लाटिंग, शराब और सहकारिता में माफियाओं की भरमार छतरपुर जिले में अवैध उत्खनन ने सर्वाधिक माफियाओं को पैदा किया है। पुलिस की साठगांठ से प्राकृतिक संसाधनों की लूट करने वाले इन माफियाओं पर आज तक नकेल नहीं कसी जा सकी है। इसी तरह गांव-गांव और गली-गली में बिक रही शराब भी संंगठित अपराध गिरोह के संरक्षण में ही संभव हो पाती है। सहकारिता भी माफिया की गिरफ्त में है। मामूली से सहकारी कर्मचारी करोड़ों के दावेदार बने बैठे हैं।

सरकारी राशन और किसानों की योजनाओं को लूटने वाले सहकारिता माफिया पर कार्यवाही का इंतजार है। प्लाटिंंग के कारोबार ने भी कई माफिया पैदा कर दिए हैं। दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की जमीनों को सरकारी साठगांठ से खरीदकर बगैर किसी व्यवसायिक डायवर्सन के इन जमीनों पर प्लाटिंग का भरपूर कारोबार किया जा रहा है। इसकी खबर कब ली जाएगी।

इनका कहना- सीएम के निर्देश के बाद सभी थाना प्रभारियों एवं एसडीओपी को थानावार माफियाओं की सूची तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है। जल्द ही माफियाओं पर कार्यवाही सामने आएगी। तिलक सिंह, एसपी छतरपुर हमारी नजर हर तरह के माफिया पर है।

संगठित रूप से आपराधिक और गैरकानूनी कामों से तैयार किए गए साम्राज्य पर कठोरतम कार्यवाही के लिए हम बैठक कर चुके हैं जल्द ही उसके परिणाम सामने आएंगे।

मोहित बुंदस, कलेक्टर, छतरपुर

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