भोपाल में आयोजित 'नदी महोत्सव कार्यक्रम'
भोपाल में आयोजित 'नदी महोत्सव कार्यक्रम' Social Media

भोपाल में आयोजित 'नदी महोत्सव कार्यक्रम' का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलन कर किया शुभारंभ

भोपाल, मध्यप्रदेश। 'नदी महोत्सव कार्यक्रम' में सीएम शिवराज ने कहा- मैं हमेशा अपनी दो मां मानता हूं, एक मां जिन्होंने मुझे जन्म दिया। दूसरी नर्मदा मैया जिनकी गोद में बचपन से खेला।

भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 'नदी महोत्सव कार्यक्रम' आयोजित किया गया है। भोपाल के विज्ञान भवन में आयोजित 'नदी महोत्सव' का मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री राज्य मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

भोपाल में आयोजित 'नदी महोत्सव कार्यक्रम'

मुख्यमंत्री ने नदी उत्सव 2022 के अंतर्गत आयोजित "खेती किसानी, नदी की जुबानी" कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि, मैं स्वर्गीय अनिल माधव दवे जी के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। वो व्यक्ति नहीं, संस्था थे। स्वर्गीय अनिल माधव दवे ने एक नहीं अनेकों कार्य किए,मां नर्मदा के प्रति उनका अति विशेष अनुराग था। लगातार उन्होंने परिक्रमा की, अमरकंटक से लेकर खंभात की खाड़ी तक वह गए, नर्मदा समग्र का गठन किया, एक नहीं,कई नदी उत्सव का मैं खुद साक्षी हूं।

आज मैं स्वर्गीय अनिल माधव दवे जी के चरणों में इस संकल्प के साथ प्रणाम करता हूं कि अनिल जी आप जो काम अधूरे छोड़कर गए हैं उसे पूरा करने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

आगे सीएम शिवराज ने कहा कि, मैं हमेशा अपनी दो मां मानता हूं, एक मां जिन्होंने मुझे जन्म दिया। दूसरी नर्मदा मैया जिनकी गोद में बचपन से खेला। सतपुड़ा, विंध्याचल ये दोनों नर्मदा जी के भाई हैं। इन पर बड़े-बड़े साल, सागौन, साज, घिरिया के पेड़ थे। नर्मदा जी के दोनों तटों पर खेत नहीं, जंगल थे। पेड़ कभी किसान नहीं काटता था, लेकिन मैंने बचपन में देखा था कि 1965 के आसपास जब मैकेनाइजेशन का जमाना आया। बड़े-बड़े चेन वाले ट्रैक्टर परती जमीन तोड़कर पेड़ सहित उखाड़ देते थे। मैंने नर्मदा का विंध्वस अपनी आंखों से देखा। इसे किया किसने, हम सभी ने किया।

नदी महोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोले- खेती के लायक जमीन बनाते-बनाते नर्मदा जी के दोनों तटों के तरफ पेड़ लगभग-लगभग समाप्त हो गए। जब पेड़ नहीं रहेंगे, घास नहीं रहेंगे तो मिट्टी का कटाव होगा। अमरकंटक में भी नर्मदा मैया की धार सिकुड़ती जा रही है।हमने बाकी नदियों को भी बर्बाद करने का महापाप किया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com