मुख्यमंत्री 985 गौ-शालाओं का लोकार्पण और 145 गौ-शालाओं का शिलान्यास करेंगे

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री तीन अप्रैल को मिंटो हॉल भोपाल में आयोजित राज्य-स्तरीय मिशन अर्थ कार्यक्रम में 985 सामुदायिक गौ-शालाओं का लोकार्पण और 145 सामुदायिक गौ-शालाओं का शिलान्यास करेंगे।
मुख्यमंत्री 985 गौ-शालाओं का लोकार्पण और 145 गौ-शालाओं का शिलान्यास करेंगे
मुख्यमंत्री 985 गौ-शालाओं का लोकार्पण और 145 गौ-शालाओं का शिलान्यास करेंगेSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन अप्रैल को मिंटो हॉल भोपाल में आयोजित राज्य-स्तरीय मिशन अर्थ कार्यक्रम में प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 260 करोड़ रुपए की लागत से बनी 985 सामुदायिक गौ-शालाओं का लोकार्पण और 50 करोड़ रुपए से बनने जा रही 145 सामुदायिक गौ-शालाओं का शिलान्यास करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री श्री चौहान 13 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बने 1821 हितग्राही-मूलक पशु आश्रयों का लोकार्पण, लगभग 22 करोड़ की लागत से बनने जा रहे 2632 पशु आश्रयों का शिलान्यास, नरेगा में विभिन्न प्रकार के हितग्राही-मूलक पशु आश्रयों, सामुदायिक गौ-शाला एवं चारागाह विकास के 384 करोड़ रुपए के 8310 कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। योजना में पशुओं को चारे की सतत आपूर्ति के लिये 38 करोड़ 61 लाख की लागत से प्रदेश में 2727 चारागाहों का भी विकास किया जाएगा।

राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादन के साथ पशु-पालन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। कई बार पशुओं के रहने की पर्याप्त व्यवस्था न होने से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिससे पशु-पालक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसके मद्देनजर राज्य शासन ने महात्मा गांधी नरेगा से बड़े स्तर पर ग्रामीणों की व्यक्तिगत जमीन पर पशु आश्रय बनाने का निर्णय लिया।

किसान प्रोड्यूसर कंपनियों का सम्मेलन :

मुख्यमंत्री श्री चौहान इसी दिन किसान उत्पादक संगठनों एवं कृषि अधोसंरचना निधि के हितग्राहियों के सम्मेलन का शुभारंभ भी करेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के आजीविका मिशन में 45 किसान उत्पादक कंपनियां गठित हैं, जिनका वार्षिक कारोबार 379 करोड़ रुपए है। इनमें 39 कृषि फसल आधारित, 4 दुग्ध उत्पादन, एक लघु वनोपज और एक पोल्ट्री आधारित है। इकतीस कम्पनियाँ विशेष रूप से महिला किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए गठित की गई हैं। किसान उत्पादक कंपनियों और संगठन के माध्यम से प्रदेश में किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज, कीटनाशक, खाद, उपार्जन प्रक्रिया से उचित मूल्य पर फसल खरीद, प्रति क्विंटल निर्धारित बोनस देना आदि कार्य किये जा रहे हैं। क्रय किए गए अनाज का श्रेणीकरण कर कम्पनी बाजार में बेचती है। इससे कंपनी को मुनाफा होता है। कंपनी मुनाफे की राशि से किसानों को कम लागत में अधिक उपज के लिए कृषि तकनीकी का प्रशिक्षण दिलाने के साथ सहयोगात्मक मार्गदर्शन करती है। प्रदेश की किसान उत्पादक कंपनियों में एक लाख 72 हजार 87 किसानों को जोड़कर लाभान्वित किया गया है।

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