सतपुड़ा के जंगलों में कुलांचे भरेंगे पेंच नेशनल पार्क के चीतल

पेंच टाइगर रिजर्व से लाये गए 20 चीतलों को जंगल में छोड़ा गया। एसटीआर में वन ग्रामों को विस्थापित करने के बाद जो जगह बनाई है, उनमें घास के मैदान बन गए हैं। यहां चीतल आराम से कुलांचे भर रहे हैं।
चीतलों की संख्या बढाने के लिए प्रीएगमेंटेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
चीतलों की संख्या बढाने के लिए प्रीएगमेंटेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है।Jitendra Verma

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। बाघों के घर कहलाने वाले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में चीतलों की संख्या बढ़ाने का काम तेजी से किया जा रहा है। गुरुवार को पेंच टाइगर रिजर्व से लाये गए 20 चीतलों को जंगल में छोड़ा गया। एसटीआर में वन ग्रामों को विस्थापित करने के बाद जो जगह बनाई है उनमें घास के मेदान बन गए हैं। यहां चीतल आराम से कुलांचे भर रहे हैं।

इतना ही नही टाइगर तेंदुआ को भी आसानी से मनपसन्द भोजन मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक सतपुड़ा टाइगर में चीतलों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रीएगमेंटेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके तहत पेंच नेशनल पार्क से 20 चिट्टेदार चीतलों को विशेष वाहन से होशंगाबाद लाया गया। यहां योजनाबद्ध तरीके से चीतलों को जंगल मे निर्धारित स्थान पर छोड़ा गया। इस ऑपरेशन को पूर्ण करने के लिए एसटीआर की एक अलग टीम काम करती रही। विभाग के मुताबिक एभी तक एसटीआर में ग्याहारा सो चीतल अलग-अलग नेशनल पार्कों से लाकर छोड़ें गए हैं।

वेन से निकल कर सरपट दौड़े चीतल :

पेंच नेशनल पार्क से चीतलों को लेकर आई वेन जंगल के बीच पहुंची। वहां वेन का दरवाजा खुलते ही चीतल सरपट भाग गए। पलक झपकते ही चीतल जंगल में लुप्त हो गए।

कई हेक्टेयर में बने घास के मैदान :

सतपुड़ा के जंगलों से अभी तक लगभग 47 वनग्रामों को विस्थापित किया गया है। खाली पड़े गांवों में घास के मीलों लंबे जंगल बन गए हैं। यहां चीतलों को भरपेट भोजन मिलता है। इससे चीतलों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।

इनका कहना है :

गुरुवार को 20 चीतल पेंच नेशनल पार्क से लाये गए हैं। विस्थापित किये गए ग्रामों में घास के मैदान बन गए हैं। यहां चीतल आराम से रहते हैं। इससे इनकी वंश वृद्धि हो रही है। टाइगर तेंदुआ को भी शिकार मिल रहा है।

एस कृष्णमूर्ति, फील्ड डारेक्टर एसटीआर

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com