Plastic Free Campaign
Plastic Free CampaignPriyanka Sahu -RE

'प्‍लास्टिक मुक्त' होते नजर आए शहर के कई रेलवे स्टेशन

PM नरेंद्र मोदी द्वारा प्‍लास्टिक के खिलाफ शुरू किए गए अभियान का असर अब कई रेलवे स्टेशनों पर नजर आने लगा है, यहां प्‍लास्टिक को ना कहते हुए अब पेड़ के पत्‍ते से बने दोने का उपयोग होने लगा हैं।

हाइलाइट्स :

  • देश में प्‍लास्टिक के खिलाफ अभियान शुरू।

  • कई रेलवे स्टेशनों पर पत्‍ते से बने दोने में मिलने लगे खाद्य व्यंजन।

  • खाद्य सामग्री देने में अब केवल पत्‍ते के दोने का ही उपयोग।

  • दुनियाभर में लगभग 300 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है।

राज एक्‍सप्रेस। देश में प्लास्टिक का प्रयोग इतना ज्‍यादा अधिक बढ़ गया हैं कि, यह पर्यावरण के लिए जहर बनने लगा था, इसी को देखते हुए 'प्लास्टिक प्रदूषण' से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्‍लास्टिक के खिलाफ अभियान (Plastic Free Campaign) शुरू किया, जिसका असर अब कई रेलवे स्टेशनों पर नजर आने लगा है, जी हां! पश्चिम रेल्‍वे के रतलाम में प्‍लास्टिक को ना कहते हुए, स्‍टेशनों की दुकानों पर पत्‍ते से बने दोने का उपयोग किया जानेे लगा है।

पत्‍ते से बने दोने में मिलने लगे खाद्य व्यंजन :

वहीं मंडल के मंदसौर रेल्‍वे स्टेशनों पर भी यह पहल शुरू भी हो चुकी है, यहां समोसा, बड़ा, भजिया, पोहा सहित तमाम तरह के खाद्य व्यंजन पत्‍ते से बने दोने में मिलने लगे हैं। वहीं यात्रियों को चाय भी पेपर ग्लास में दी जाने लगींं है। लोगों का कहना है कि, अभी तक खाने के ये व्यंजन प्‍लास्टिक से लेकर कागज और सिंथेटिक बाउल आदि में मिला करते थे।

कई स्टेशनों पर लागू हो चुकेे नियम :

माना जा रहा है कि, पश्चिम रेलवे जोन के साथ ही भारतीय रेलवे में यह पहला ऐसा प्रयोग है, जब खाद्य सामग्री पत्‍ते से बने दोने में देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम रतलाम, इंदौर, उज्जैन, देवास, चित्‍तौड़गढ़, मंदसौर, जावरा, नीमच , सहित अन्य कई स्टेशनों पर लागू किया गया है। मंडल के डीआरएम आर.एन. सुनकर ने ट्वीट कर बताया कि, मंडल के स्टेशनों पर खाद्य सामग्री देने में अब केवल पत्‍ते के दोने का ही उपयोग किया जाएगा। हालांकि, इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही कागज व पॉलीथिन का उपयोग नहीं होने से पर्यावरण सुरक्षा के साथ यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा।

पलास के पेड़ के पत्‍ते से बन रहे दोने :

डीआरएम द्वारा मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर कागज और प्‍लास्टिक के बर्तनों में खाद्य सामग्री नहीं परोसने के निर्देश दिए गए हैं। नियम को सुनिश्चित तौर पर लागू कराने के लिए खाद्य सामग्री बेचने वाले सभी स्टॉलों पर नजर रखींं जा रही है। इसके साथ ही इन स्टालों की तस्वीरें भी ली जा रही हैं, ताकि यह पता चल सके कि, खाद्य सामग्री देने के लिए किस चीज का इस्तेमाल हो रहा है।

"अभी तो स्वयं ही पलास के पेड़ के पत्‍ते तोड़ कर दोने बना रहे हैं। इसमें कोई खर्चा भी नहीं लग रहा है, हालांकि समय जरूर लगता है। लोगो में जागरूकता आएगी, तो रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही इनका निर्माण भी शुरू हो जाएगा।"
केंटीन संचालक पिंकेश देवड़ा

300 लाख टन प्लास्टिक का होता हैं उत्पादन :

बता दे कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2022 तक देश को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाने की योजना रखी है। वहीं बैवाटर रिसर्च के मुताबिक हर साल दुनियाभर में लगभग 300 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, इसमें से 130 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक समुद्र और नदियों में बहा दिया जाता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com