मुख्यमंत्री चौहान ने की राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की इस दौरान उन्होंने अपने विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री चौहान ने की राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री चौहान ने की राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षाSocial Media

मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भूमि संबंधी रिकार्ड के डिजिटाइजेशन के कार्य में प्रदेश में हुआ कार्य सराहनीय है। भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश को सभी प्रांतों में बेहतर माना गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हरदा में हुए कार्य की प्रशंसा की थी। मध्यप्रदेश ड्रोन तकनीक के उपयोग में भी आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 33 ड्रोन हैं, शीघ्र ही इनकी संख्या 40 होगी। इसके पश्चात निरंतर ड्रोन तकनीक का विस्तार करते हुए वर्षांत तक 60 ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। ड्रोन फ्लाइंग के लिए 50 हजार ग्रामों का लक्ष्य और अधिकार अभिलेख निर्माण के लिए 42 हजार ग्रामों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

स्वामित्व योजना का विस्तार कर प्रदेश के सभी जिलों को लाभान्वित किया जाए। गत माह वाराणसी कान्क्लेव में भी मध्यप्रदेश की इस उपलब्धि की चर्चा हुई थी। विभाग के अन्य सकारात्मक कार्यों से भी नागरिकों को अवगत करवाने की ठोस पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राजस्व विभाग की गतिविधियों की समीक्षा का रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी और विभिन्न उपयोगी पोर्टल के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

स्वामित्व योजना में सबसे आगे मध्यप्रदेश

स्वामित्व योजना में प्रदेश में 4971 ग्रामों में अधिकार अभिलेख प्रकाशन का कार्य पूरा हो गया है। प्रदेश में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर 8 हजार 331 नक्शे तैयार किए गए। प्रदेश में ड्रोन फ्लाइंग ग्रामों की संख्या इस समय 13 हजार 765 है। संशोधन के उपरांत 6 हजार 307 नक्शों को अंतिम रूप दिया गया। प्रदेश के 3500 ग्रामों के 2.71 लाख अधिकार अभिलेख समारोहपूर्वक वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 06 अक्टूबर 2021 को वुर्चअली प्रदेश के हितग्राहियों को इनका वितरण किया था। मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा 11 में से 11 अंक प्रदान कर सबसे आगे माना गया है। इस कार्य में मिजोरम, हरियाणा, सिक्किम, दमनदीव, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक 8 से 10 अंक प्राप्त करने वाले राज्यों में शामिल हैं। मध्यप्रदेश के कार्य को अन्य प्रदेश आदर्श मानकर कार्य प्रारंभ कर रहे हैं।

आमजन को नियमित रूप से उपलब्ध हों पटवारी की सेवाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, 'ग्रामों में राजस्व विभाग की पहचान पटवारी से है। यदि पटवारी सप्ताह में कम से कम दो दिन आमजन को उपलब्ध रहे तो यह आम जनता को बड़ी राहत होगी।' मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, विभागीय कार्यों में जो कर्तव्य पालन में श्रेष्ठ हैं उन्हें पुरस्कृत करें, साथ ही लापरवाह कर्मचारी को दंडित करने में भी पीछे न रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग में ईज ऑफ डूइंग को बढ़ाया जाए। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 8500 पटवारियों को लेपटॉप के लिए राशि प्रदान की गई है।

फसल क्षति के आकलन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाएं, कार्य के लिए मॉडल विकसित करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के पश्चात यह बहुत आवश्यक है कि वास्तविक प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि मिले। इसके लिए यह जरूरी है कि क्षति का आकलन सही-सही हो। इस दिशा में वैज्ञानिक उपायों पर अमल किया जाए। वर्तमान में क्षति के आकलन का जो तरीका है, उसमें कुछ दोष हो सकते हैं। इन दोषों को दूर करते हुए नवीन तकनीक और नवीन विधियों का उपयोग कर एक मॉडल विकसित किया जाए। कृषि और राजस्व विभाग समन्वय कर इस कार्य को पूरा करें।

आवासीय अधिकार योजना के अंतर्गत होंगे कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवासीय अधिकार योजना में पात्र लोगों को भूमि देने का कार्य किया जाए। प्रदेश में वर्तमान में योजना के अंतर्गत एक लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि यह व्यापक हित में लागू की गई योजना है। इसे समारोहपूर्वक लागू किया जाएगा। योजना से संबंधित बड़े कार्यक्रम भी होंगे। ये एक महत्वपूर्ण और गरीब कल्याण योजना है।

नवाचारों को जानेगी आम जनता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 3:50 करोड़ लोगों को खसरे की प्रति प्राप्त हुई है।यह साधारण उपलब्धि नहीं है । यह मध्य प्रदेश का नवाचार है। मुख्यमंत्री ने राजस्व कार्यों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की जहां प्रशंसा की वहीं यह भी कहा कि आम जनता को ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी भी विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रदान की जाए। विभागीय नवाचारों से आमजन को अवगत करवाने के लिए जिला और तहसील स्तर पर कार्यशालाएं हों। भू-अर्जन के प्रकरणों का ऑनलाइन निपटारा करने के लिए मॉड्यूल निर्माण की पहल की गई है। इसके अंतर्गत इसी माह मॉड्यूल का उपयोग प्रारंभ हो रहा है।

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना और धारणाधिकार

प्रदेश में 28 अक्टूबर 2021 से लागू मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में आबादी स्थल पर पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। प्रदेश में योजना में दो माह में 78 हजार 656 आवेदन मिले हैं। पात्र परिवारों को समारोहपूर्वक आवासीय भूखण्ड का वितरण किया जाएगा। कलेक्टर आवश्यकतानुसार नवीन आबादी क्षेत्र घोषित कर सकेंगे। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 31 दिसम्बर 2014 के पहले शासकीय भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मकानों और दुकानों का पट्टा प्रदाय करने का कार्य किया जा रहा है। योजना में दर्ज प्रकरणों में से 11 हजार 906 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। लोक सेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन के माध्यम से अथवा आवेदक द्वारा स्वयं रेवन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

सायबर तहसील, अविवादित नामांतरण, सीमांकन, आसामीवार खतौनी प्रदान और भूमि उपयोग

प्रदेश में सायबर तहसील के सृजन के लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी की गई है। यह पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का प्रथम प्रांत है। इस व्यवस्था में पक्षकारों को समक्ष में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती। पदस्थ अधिकारी को सायबर तहसीलदार का नाम देकर रजिस्ट्रेशन विभाग से समन्वय किया जा रहा है। तकनीकी कार्ययोजना की संकल्पना तैयार कर कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जा रही है। वित्त वर्ष में सायबर तहसील से जुड़े कार्यों के लिए 8.85 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान है। प्रदेश में अविवादित नामांतरण को पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड कर आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होगी। इश्तेहार और दावा आपत्ति से लेकर दस्तावेज सत्यापन, जरूरत होने पर ऑनलाइन सुनवाई, आदेश जारी करने, आदेश अनुपालन और अपडेटेड खसरा प्रतिलिपि तैयार होने की प्रक्रिया कम्प्यूटर पर होगी। यह कार्य इसी वर्ष पूरा करने का लक्ष्य है। सीमांकन की प्रस्तावित प्रक्रिया कोर्स नेटवर्क एवं रोवर से होगी। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होगी। यह कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत आसामीवार/भूमि स्वामीवार खतौनी और के प्रावधान का उपयोग कर कार्य किया जा रहा है। अगले वर्ष तक इसे भी पूर्ण करने का लक्ष्य है। भूमि उपयोग के अंतर्गत व्यक्ति किसी भी भूमि पर उपस्थित होकर उससे संबंधित जानकारी मोबाइल एप पर जान सकेगा

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co