सिख धर्म के द्वितीय गुरु 'अंगद देव' के ज्योति ज्योत दिवस पर CM ने किया नमन

भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर सिखों के द्वितीय गुरु श्रद्धेय गुरु अंगद देव के ज्योति ज्योत दिवस पर उनके चरणों में कोटिश: नमन किया।
अंगद देव के ज्योति ज्योत दिवस पर CM ने किया नमन
अंगद देव के ज्योति ज्योत दिवस पर CM ने किया नमनPriyanka Yadav-RE

भोपाल, मध्यप्रदेश। हर साल 16 अप्रैल को सिखों के द्वितीय गुरु अंगद देव का ज्योतिज्योत दिवस मनाया जाता है, बता दें कि अंगद देव सिखो के एक गुरू थे, गुरू अंगद देव महाराज का सृजनात्मक व्यक्तित्व था, उनमें ऐसी अध्यात्मिक क्रियाशीलता थी जिससे पहले वे एक सच्चे सिख बनें और फिर एक महान गुरु। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरु अंगद देव के ज्योति ज्योत दिवस पर नमन किया।

सीएम ने किया ट्वीट

मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर सेवा, दया और करुणा के सागर, सिखों के द्वितीय गुरु श्रद्धेय गुरु अंगद देव जी के ज्योतिज्योत दिवस पर चरणों में कोटिश: नमन किया, आपका आदर्श जीवन और ओजस्वी वाणी से उपजा प्रकाश सर्वदा मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। महान गुरु के चरणों में बारंबार प्रणाम!

31 मार्च सन 1504 को हुआ था गुरु अंगद देव जन्म :

बताते चलें कि सिखों के दूसरे गुरु अंगद देव का जन्म 31 मार्च सन 1504 को पंजाब के हरिके गांव में हुआ था, बता दें कि गुरु नानक देव ने अंगद देव की भक्ति और आध्यात्मिक योग्यता से प्रभावित होकर इन्हें अपना अंग माना और अंगद नाम दिया, इसलिए अंगद देव जी को लहना (लहीणा) नाम से भी जाना जाता है, गुरु अंगद देव के जन्मोत्सव को 'अंगददेव जयंती’ के रूप में मनाया जाता है।

  • गुरू अंगद देव ने खडुर साहिब आकर पहला अटूट लंगर चलाया, जहां पर हर एक जाति का बिना किसी भेदभाव और संकोच से एक पंक्ति में बैठकर लंगर खा सकता था, असली रूप में जात पात और छूत छात के भेद को मिटा दिया।

  • गुरु अंगद देव ने कई श्लोक लिखे और उन्होंने गुरुमुखी लिपि में भी इसका सुधार किया।

  • गुरु अंगद देव ने लंगर की व्यवस्था शुरू की और उन्होंने सिख धर्म के अभ्यास के लिए अन्य केंद्र भी स्थापित किए।

  • गुरु अंगद देव के बाद गुरु अमर दास उत्तराधिकारी बने, जो सिख धर्म के तीसरे उत्तराधिकारी थे।

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