CM ने 145 नवनिर्मित शैक्षणिक भवनों का किया लोकार्पण
CM ने 145 नवनिर्मित शैक्षणिक भवनों का किया लोकार्पणPriyanka Yadav-RE

सीएम ने दी करोड़ों की सौगात, 145 नव-निर्मित शैक्षणिक भवनों का किया लोकार्पण

भोपाल, मध्यप्रदेश : कोरोना संकट काल के बीच आज शिवराज ने मध्यप्रदेश के चुनाव अप्रभावित ज़िलों में नव-निर्मित 145 शाला और छात्रावास भवनों का लोकार्पण किया।

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में कोरोना संकट के बीच आज यानि 13 अक्टूबर को प्रात: 10.30 बजे से भोपाल स्थित मिंटो हॉल में आदिम-जाति कल्याण विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के 497 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से नव-निर्मित 145 शैक्षिक भवनों का वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम। इस बीच आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश को करोड़ों की सौगात दी है।

सीएम ने MP में नवनिर्मित 145 शैक्षणिक भवनों का किया लोकार्पण :

मुख्यमंत्री ने आज भोपाल के मिंटो हॉल से गैर उपचुनाव वाले जिलों में स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम-जाति कल्याण विभाग के नव-निर्मित 145 शैक्षिक भवनों का वर्चुअल लोकार्पण किया। उपचुनाव अप्रभावित जिलों में आदिम-जाति कल्याण विभाग के 357.09 करोड़ की लागत से निर्मित 13 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों (कन्या शिक्षा परिसरों) और 4.63 करोड़ के 3 छात्रावास नवीन भवनों का भी वर्चुअल लोकार्पण। वही शिवराज ने 33 जिलों को विकासकार्यों की सौगात दी है।

आगे मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम बच्चों को शिक्षा तो दें ही, इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बच्चों को पढ़ने के लिए भवन उपलब्ध हों। हमने अपने कार्यकाल में तेज़ी से नए हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण किया है।, हमने प्रदेश में स्कूल खोले, अब हमारा लक्ष्य है उन स्कूलों के लिए बेहतर भवनों का निर्माण। नवनिर्मित भवनों में अब कक्षाओं के साथ ही लैब, लाइब्रेरी और खेल प्रांगण की सुविधा से युक्त हैं।

शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य होते हैं :

- ज्ञान देना

- कौशल देना

- नागरिकता के संस्कार देना

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो नई शिक्षा नीति बनी है, उसके अंतर्गत अब कक्षा छठवीं से ही व्यावसायिक शिक्षा बच्चों को दी जाएगी, हम मध्यप्रदेश में बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा तो देंगे ही, साथ ही रोज़गार के नए अवसर भी सृजित करेंगे। बच्चों को नैतिक शिक्षा देना भी आवश्यक है। हमारे शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। ये ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देकर राष्ट्र के निर्माण में अपना अभूतपूर्व योगदान देते हैं, महापुरुषों की जीवनियां पढ़ाई जायेंगी, ताकि हमारे बच्चों के जीवन को सही दिशा मिल सके।

गरीब को भी जीने और मुस्कुराने का हक होता है। इन्हें भी सपने देखने और उसे साकार करने का अवसर मिलना चाहिए, मैं इन्हें इनका हक और अधिकार देने के लिए संकल्पित हूं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा-

इस कार्यक्रम में शिवराज ने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस हमारी सरकार भरवायेगी, मेरे बच्चों मन लगाकर पढ़ो, तुम्हारी प्रतिभा के रास्ते में धन को बाधा नहीं बनने दूंगा, तुम्हारी प्रतिभा के रास्ते में धन को बाधा नहीं बनने दूंगा, हमने ऐसी अनेक योजनाएँ प्रारम्भ की हैं जिससे मध्यप्रदेश के गरीबों के जीवन में बुनियादी बदलाव आ रहे हैं। बच्चे गरीब के घर में पैदा भले ही हुए हों, उनमें क्षमताएँ और टैलेंट हैं, तो हम उन्हें धन की कमी नहीं होने देंगे। हम मध्यप्रदेश में 10,000 विद्यालय खोलेंगे जिससे बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले। आत्म निर्भर मध्यप्रदेश में हमारे गरीब बच्चे भी शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनेंगे।

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