भोपाल : कृषि विभाग समीक्षा में CM ने दिए अहम् निर्देश

भोपाल, मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री ने की कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा और कहा व्यवहारिक हो कृषि की योजनाएं। किसानों को एज्युकेट करें कि वे कितनी व कौनसी फसल लगाएं।
व्यवहारिक हों कृषि की योजनाएं
व्यवहारिक हों कृषि की योजनाएंSocial Media

भोपाल, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को एज्युकेट किया जाए, कि वर्तमान रबी तथा खरीफ में कौन सी फसल तथा कितनी मात्रा में लगाई जाए, जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सके तथा बेहतर मूल्य प्राप्त हो। इसके लिए प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र में रबी व खरीफ फसलों की बुआई के पहले इन फसलों की सूची प्रदर्शित की जाए। इस संबंध में प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालय भी सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि से संबंधित विभिन्न योजनाएं सैद्धांतिक न होकर व्यवहारिक हो, जिनका लाभ किसानों को मिल सके। ऐसी योजनाएं बनाने का क्या लाभ जो किसानों के खेतों तक पहुँच ही न पाएं। अनुपयोगी योजनाओं को बंद किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव केके सिंह, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से कृषि विभाग फसलों की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करे, जिससे एकदम बीमारी लगकर फसलें समाप्त न हो जाएं, जैसा इस बार सोयाबीन में हुआ। किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज सुनिश्चित कराने के लिए प्रमाणित बीजों के पैकेट्स पर हॉलोग्राम अनिवार्य रहेगा। अगले खरीफ से यह प्रावधान लागू होगा। श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में आमदनी बढ़ाने के लिए गांवों के लिऐ समग्र कृषि विकास कार्यक्रम बनाए जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि लैब टू लैंड कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विश्वविद्यालयों ने शोध कर योजना तैयार कर ली है। यह केवल शोध तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। शोध का लाभ किसान के खेत तक पहुंचना चाहिए।

प्रदेश की 30 कृषि उपज मंडियों को हाइटैक बनाया जाएगा :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों का विकास किया जा रहा है। प्रथम चरण में प्रदेश की 30 कृषि उपज मंडियों को आधुनिक हाइटैक बनाया जा रहा है। इनमें गोदाम, भंडारण, मूल्य संवर्धन, शीत भंडारण और एग्री क्लीनिक आदि सुविधाएं होंगी। ग्रेडिंग मशीनें भी लगाई जाएंगी।

मिशन मोड पर करें एफपीओ का कार्य :

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश में अधिक से अधिक एफ.पी.ओ. (किसान उत्पादक समूह) बनाए जाएं तथा वर्तमान एफपीओ को अधिक सक्रिय किया जाए। इससे किसान अपनी फसल सीधे बाजार में बेच पाएगा तथा बिचौलिए कम होंगे। वर्तमान में प्रदेश में 394 एफपीओ सक्रिय है। एफपीओ में न्यूनतम तीन व्यक्ति हो सकते हैं। वर्तमान में प्रदेश के 50 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं। शेष दो जिलों विदिशा एवं निवाड़ी में नए कृषि विज्ञान केंद्र खोले जाएंगे।

प्रदेश की प्रमुख फसलों की जीआई टैगिंग :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की प्रमुख फसलों शरबती गेहूँ, लाल ग्राम पिपरिया तुअर, काली मूंछ चावल, जीरा शंकर चावल तथा चिन्नौर धान की जी.आई. टैगिंग कराई जाए। बासमती चावल की जीआई टैगिंग कराई जा रही है।

केन्द्र सरकार की कृषि अधोसंरचना योजना में मध्यप्रदेश अव्वल :

कृषि अधोसंरचना विकास के लिए ऋण प्रदाय किए जाने की केन्द्र सरकार की कृषि अधोसंरचना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश भारत में प्रथम स्थान पर है। मध्यप्रदेश से 231 करोड़ रुपए के कुल 222 प्रकरण सत्यापित किए गए हैं। इनमें से 23 प्रकरणों में 21 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है तथा 98 करोड़ के 87 प्रकरण बैंकों के पास ऋण वितरण के लिए लंबित हैं। शेष में कार्यवाही जारी है। इसके अंतर्गत सर्वाधिक प्रकरण वेयर हाउस के लिए 152 करोड़ के तथा इसके बाद कोल्ड स्टोरेज के लिए 26 करोड़ के, सौटिंग एवं ग्रेडिंग के लिए 2.2 करोड़ के तथा लॉजिस्टिक के लिए 2.02 करोड़ रुपए के प्रकरण प्रस्तुत किए गए हैं। प्रदेश के कुल 29 जिलों से प्रकरण प्रस्तुत किए गए हैं जिनमें सर्वाधिक प्रकरण रायसेन से 38, भोपाल से 26, सीहोर से 15 तथा इंदौर से 14 प्रस्तुत हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए सभी संबंधितों को बधाई दी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co