ंमध्यप्रदेश। हर साल 27 सितम्बर यानि आज के दिन "विश्व पर्यटन दिवस" मनाया जाता है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में पर्यटन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों को बढ़ावा देना है, विश्व पर्यटन दिवस दुनिया भर के लोगों में आपसी समझ बढ़ाने में सहायता कर सकता है। इस खास अवसर पर मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
CM शिवराज ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं :
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विश्व पर्यटन दिवस पर इस संदेश से दी शुभकामनाएं, ट्वीट कर कहा कि हमारा लक्ष्य 'अद्भुत मध्यप्रदेश' की भावना को देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना है, विश्व पर्यटन दिवस गौरव को बढ़ाने के लिए सालभर में एक ऐसा दिन आता है, जब हम प्रसिद्ध इमारतों से देश का गौरव बढ़ा सकते हैं।
वहीं आगे कहा है कि समस्त प्रदेशवासियों को विश्व पर्यटन दिवस शुभकामनाएं, दुनिया के किसी भी क्षेत्र में सामाजिक, सांस्कृतिक, एवं आर्थिक विकास में पर्यटन का बड़ा योगदान होता है। भारत के हृदय प्रदेश- "मध्यप्रदेश" में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। हमारी सरकार मध्यप्रदेश पर्यटन विकास की ऐसी सभी संभावनाओं पर प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि 'incredible Madhya pradesh' की भावना को देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना है।
आपको बताते चलें कि देशभर में एक तरफ जहां कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं कोरोना संकट के बीच हर व्यक्ति किसी ना किसी परेशानी से घिरा हुआ है, इस बीच ऐसा लगता है मानों खुशी तो कहीं गुम हो गई है। बावजूद इन सबके हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समय ऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो दूसरे देश या जगह का पर्यटन करें और खुशियों को फिर से गले लगा सकें। इसके लिए विश्व पर्यटन दिवस सबसे अच्छा मौका है।
मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल
भोपाल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक सुन्दर शहर है।
खजुराहो- खजुराहो नगर चंदेल शासको का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जिसकी आधारशिला विख्यात राजा चंदवर्मा ने रखी।
साँची- साँची बोद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थ के तौर पर विख्यात है।
मांडू- यह धार जिले में स्थित है, इसकी स्थापना बाज बहादुर ने की थी।
ग्वालियर-ग्वालियर सिंधिया राजवंश की राजधानी थी, इस किले का निर्माण ईसा शताब्दी 525 में हुआ।
ओरछा- ओरछा की स्थापना सोलहवी शताब्दी में बुंदेला शासक रुद्रप्रताप ने की थी, बेतवा नदी के तट पर स्थित है।
पचमढ़ी- पचमढ़ी को “सतपुड़ा की रानी” एवं “मध्यप्रदेश का कश्मीर” कहा जाता है।
उज्जैन - प्राचीन ऐतिहासिक नगरी उज्जैयनी ही आज का उज्जैन है, इस नगरी को अतीत में उज्जयिनी, अवन्ती नामों से संबोधित किया जाता रहा है।
भीम बेठिका- राजधानी से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर भीमबेठिका स्थित है, यह स्थल शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
ओंकारेश्वर- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है।
अमरकंटक- नर्मदा नदी का उदगम स्थल अमरकंटक मनोहारी पर्यटन धार्मिक स्थल है।
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