शराब उपदुकानों पर मचा बवाल: CM ने दिया जवाब, आंकड़ों में उलझे नेता

भोपाल,मध्य प्रदेश: CM कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र कहा-शिवराज सरकार में सबसे ज्यादा खुलीं शराब दुकानें।
CM कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
CM कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्रSocial Media

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में शराब दुकानों को लेकर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोपों के दौर के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार माताओं और बहनों की सुरक्षा, नागरिकों के स्वास्थ्य और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।

CM कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में यह बात कही है। श्री चौहान के शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के जवाब में श्री कमलनाथ ने उन्हें पत्र लिखा है। श्री नाथ ने पत्र में लिखा है कि यह कहना आधारहीन है कि नई आबकारी नीति में ‘उप दुकान’ खोलने के प्रावधान से नई शराब की दुकानें खुल रही हैं। यह जनता के बीच में भ्रम फैलाने की घृणास्पद राजनीति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति से प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ेंगी और साथ ही अवैध व्यापार करने वाले माफियाओं पर सख्ती से अंकुश लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्री चौहान ने नई आबकारी नीति की सत्यता जानने के बजाय जो अर्नगल प्रलाप किया है, उससे साफ है कि वे सिर्फ प्रचार पाने के लिए असत्य और भ्रामक बातें कर रहे हैं। सच यह है कि उनके कार्यकाल में ही सबसे ज्यादा शराब की दुकानें खोली गईं।

उप दुकानों को लेकर सीएम ने किया स्पष्ट

श्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह असत्य है कि ‘उप दुकान’ नीति के कारण दो हजार से ढाई हजार नई शराब दुकानें खुलने जा रही हैं। उप दुकान खोलने के संबंध में अधिसूचित नीति का अध्ययन किए बगैर ऐसा कहना जनता को गुमराह करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति के अनुसार नई दुकानें नहीं खुलेंगी, बल्कि मूल दुकान का लाइसेंसी चाहे तो कुछ शर्तों के अधीन उप दुकान खोल सकता है। इससे आबकारी अपराधों पर नियंत्रण बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र में उप दुकान तभी खोली जा सकती है, जब दो मूल मदिरा दुकानों के बीच कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी हो। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्र में उप दुकान खोलने के लिए मूल मदिरा दुकानों के बीच न्यूनतम दूरी पांच किलोमीटर होना चाहिए। ये उप दुकानें सरकार द्वारा नहीं खोली जाएंगी। लाइसेंसी यदि चाहे तो प्रतिबंध के अधीन अतिरिक्त वार्षिक मूल्य जमा कर उप दुकान खोल सकता है।

मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह के दावे को बताया झूठा

मुख्यमंत्री ने इस दावे को भी झूठा बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में नई शराब की दुकानें नहीं खोली गईं। मुख्यमंत्री ने पत्र में जानकारी दी कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष 2003- 04 में देशी मदिरा की दुकानें प्रदेश में 2,221 थीं, जो भाजपा शासन काल में बढ़ते हुए वर्ष 2010-11 में 2,770 हो गईं। इसी प्रकार विदेशी मदिरा की दुकानें 2003-04 में 581 थीं, जो वर्ष 2010-11 में 916 हो गईं। इससे स्पष्ट है 2003-04 में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या प्रदेश में 2792 थीं, जो शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बढ़कर 3,683 हो गईं।

नई आबकारी नीति से माफियाओं पर लगेगा अंकुश

मुख्यमंत्री ने नई आबकारी नीति का हवाला देते हुए कहा यह माफियाओं को बढ़ावा नहीं देगा, बल्कि उन पर नियंत्रण रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें पत्र लिखने के पूर्व भाजपा के 15 वर्ष के कार्यकाल में इस संबंध में लिए गए निर्णयों और कार्यों की जानकारी ही नहीं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा-

माफियाओं की उत्पत्ति एवं विकास के कारणों का उन्हें संभवत: ज्ञान ही नहीं है। माफिया यानी संगठित अपराधी ऐसे स्थानों एवं व्यवसायों में ही पनपते हैं, जहां प्रतिबंध न हो या व्यवसाय को वैध तरीके से संचालित करना दुष्कर हो। उन्होंने कहा कि वैधानिक और वैध व्यवसायिक गतिविधियां संचालित होने से माफियाओं पर अंकुश लगता है और उन पर नियंत्रण रखा जा सकता है। जैसा की नई आबकारी नीति में सरकार ने प्रावधान किया है। इससे शराब माफियाओं और संगठित अपराधियों द्वारा मदिरा के अवैध व्यापार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगेगा।

सीएम को लिखी गई चौहान की चिट्ठी

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने CM कमलनाथ से प्रदेश में शराब की उपदुकानें नहीं खोलने की अपील की है।

श्री चौहान ने ट्वीट कर कहा-

‘मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से शराब की उप दुकानें न खोलने की अपील की है। चिट्ठी लिखकर भी अपील कर रहा हूं कि शराब की उप दुकानें खोलने का यह फैसला प्रदेश को तबाह और बर्बाद करने वाला है। यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो हम जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ मुख्यमंत्री को शराब की उप दुकानें न खोलने को लेकर लिखे पत्र को भी साझा किया। पत्र में उन्होंने कहा - सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में दो से ढाई हजार दुकानें खुलेंगी जिसके दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव होंगे। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री से शराब की उप दुकानें खोले जाने की अधिसूचना को प्रदेश हित में तत्काल वापस लेने का अनुरोध किया।

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