शिक्षा में समझौता करना बच्चों के साथ अन्याय करना है

मध्यप्रदेश द्वारा अच्छा प्रदर्शन नहीं करने से SEI रिपोर्ट में 15वें पायदान पर।
सीएम ने शिक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए
सीएम ने शिक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किएSocial Media

राज एक्सप्रेस। बीते दिन नीति आयोग ने स्कूली शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक जारी की थी। 'मध्यप्रदेश द्वारा अच्छा प्रदर्शन नहीं करने से इस सूचकांक में प्रदेश 15वें पायदान पर था।' सरकार इस सूचकांक को गंभीरता से लेते हुए अब स्कूली शिक्षा गुणवत्ता सुधारने में सख्त कदम उठाने जा रही है।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सुधार की दिशा में हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री निवास पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे थे, उन्होंने कहा कि "प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" इस बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती उपस्थित थे।

सीएम कमल नाथ ने कहा कि प्राथमिक, माध्‍यमिक और हाईस्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हो, यह आज सबसे ज्यादा जरूरी है। मध्यप्रदेश में अभी शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने की जरूरत है, यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। इससे कोई भी समझौता करना बच्चों के साथ अन्याय करना है।

स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने ने कहा कि जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा और अधूरी पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को निरंतर रखने के लिए प्रभावी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए। और इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाए।

इस बैठक में शिक्षकों को शिक्षा की बेहतर ट्रेनिंग देने की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया, ताकि वे बच्चों को आज की और भविष्य की जरूरत के मुताबिक शिक्षित कर सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शिक्षा में सुधार कार्य को मिशन के रूप में लिया जाए। प्रदेश की सम्‍पूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जो भी कदम उठाया जाना है, उसकी कार्य-योजना बनाकर प्रस्तुत करें।

बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित भी थे।

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