इंदौर: लगातार सामने आ रहे हैं कोरोना के मामले, फिर कैसे करवाएंगे परीक्षा

इंदौर, मध्य प्रदेश : देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 11 विभाग के 33 कोर्स में एडमिशन को लेकर होने वाली सीईटी पर जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा।
लगातार सामने आ रहे हैं कोरोना के मामले, फिर कैसे करवाएंगे परीक्षा
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इंदौर, मध्य प्रदेश। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 11 विभाग के 33 कोर्स में एडमिशन को लेकर होने वाली सीईटी पर जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। यूनिवर्सिटी भले ही सीईटी को ऑनलाइन करवाने की सोच रहा है लेकिन कोरोना के चलते जब कॉलेजों की परीक्षाएं करवाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है तो फिर सीईटी कैसे करवाई जाएगी। इसके अलावा जब से लॉकडाउन समाप्ति हुई है तब से लेकर अभी तक विभिन्न डिपार्टमेंट में कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी के आईईटी और ऑडिट विभाग के एक-एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। लॉकडाउन समाप्ति पर यूनिवर्सिटी शुरु होने के बाद तक्षशिला परिसर में करीब चार मामले सामने आए हैं। इससे पहले आईएमएस, आईटी सेंटर और साइंस बिल्डिंग में कर्मचारी या संबंधित पॉजिटिव आ चुके हैं। लॉकडाउन के बाद से अभी डिपार्टमेंट में टीचिंग स्टाफ तो नहीं आ रहा है लेकिन डिपार्टमेंट खुल रहे हैं।

यूजीसी डेडलाइन को पूरा करने के लिए नहीं हैं ज्यादा विकल्प :

सूत्रों के अनुसार यूजीसी की डेडलाइन को पूरा करने के लिए विभाग के पास कोई ज्यादा विकल्प नहीं हैं। यूनिवर्सिटी में बीकॉम फायनल के तीन पेपर बचे हुए हैं भले ही ये परीक्षा एक सप्ताह में खत्म हो जाए लेकिन बीए और बीएससी की परीक्षाएं बाकि हैं। इसमें बचे हुए पेपर ऑप्शनल है और इन्हें एक साथ नहीं लिया जा सकता है। इसके अलावा बीबीए, बीसीए से लेकर एलएलबी, बीएएलएलबी जैसी फायनल सेमेस्टर की परीक्षाएं तो अभी शुरु ही नहीं हुई है। इसमें एक महीना का समय तो लगेगा ही।

शिक्षकों ने परीक्षा नहीं करवाने के लिए खोला मोर्चा :

यूजीसी ने राज्यों को सितंबर अंत तक ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया है। स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के बाद अब शिक्षकों ने भी परीक्षा नहीं करवाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों का कहना हैं कि यदि परीक्षा करवाना अनिवार्य है तो यह मार्च-अप्रैल में क्यों नहीं आयोजित की गई, जब कोरोना संक्रमण तुलनात्मक रुप से कम था। यदि अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के लिए परीक्षा अनिवार्य है तो बाकि कक्षाओं के लिए क्यों नहीं। प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ ने पत्र के माध्यम से यूजीसी अध्यक्ष डी.पी. सिंह को आवेदन किया है। यूजी, पीजी अंतिम वर्ष/ सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर माह के अंत तक अनिवार्य रुप से करवाए जाने हेतु जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं उस पर एक बार फिर पुनर्विचार किया जाए। दुनियाभर के किसी भी महामारी विशेषज्ञ की ओर से संक्रमण में कमी, समाप्ति के समय की कोई भविष्यवाणी नहीं की है तो फिर सितंबर माह में परीक्षा आयोजित करने का क्या आधार हैं। यदि यूजीसी के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है तो फिर रा'यों को छात्र-शिक्षक अनुपात, रिक्त पदों की पूर्ति आदि नार्मस में क्यों छूट प्रदान की गई है।

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