इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रमण से शहर के हालात भयावह हो चले हैं। संक्रमितों के साथ भी लगातार मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। मौतें इतना ज्यादा हो रही हैं कि शव संभालना भी मुश्किल हो रहे हैं। तीनों सरकारी अस्पताल एमटीएच, एमआरटीबी, सुपर स्पेशलिटी कोविड केयर सेंटर से शवों को एम्बुलेंस में एमवायएच मर्चुरी में भेजा जाता है। यहां ड्यूटी पर मौजूद सीएमओ द्वारा कागजी कार्रवाई कर शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सूचना करने के बाद भेजा जाता है।
गुरुवार को एम्बुलेंस में ही कुछ शवों को तीन घंटे तक रखना पड़ा क्योंकि मर्चुरी के अंदर जो शव रखे थे उनकी पैकिंग व कागजी प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई थी। तीन घंटों के दौरान शव अस्पताल के पिछले हिस्से में लावारिसों की तरह एम्बुलेंस में पड़े रहे। इस दौरान न आसपास ड्राइवर मौजूद था न परिजन। एम्बुलेंस के कांच भी खुले हुए थे।
लगातार आते रहते हैं शव :
जानकारी के मुताबिक सुबह गुरुवार सुबह 7 बजे एमवायएच में शव पहुंचे थे। पांचों शव एम्बुलेंस में रखे हुए थे और एम्बुलेंस अस्पताल के पिछले हिस्से में सड़क किनारे खड़ी हुई थीं। सभी की मौत कोविड से होना बताई जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में शव तीन घंटे तक सड़क पर ही एम्बुलेंस में पड़े रहे। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि तीनों अस्पताल में रात में हुए मौतों के बाद शवों को सुबह कागजी कार्रवाई के लिए एमवायएच भेजा है। यहां 24 घंटे शव आ रहे हैं। पूर्व में शवों को मर्चुरी में रख दिया जाता था, लेकिन अब शव एम्बुलेंस में ही पड़े रहते हैं और खानापूर्ति होने के बाद इन्हें अंतिम संस्कार के लिए सीधे श्मशान या कब्रिस्तान ले जाया जाता है। इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर का कहना है कि शव नान एमएलसी थे, इसलिए उन्हें कागजी कार्रवाई के बाद परिजनों की जानकारी के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाना था, इसलिए उन्हें मर्चुरी में नहीं रखा गया, इसमें किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
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