प्रथम दृष्टया सामने आया भ्रष्टाचार, डाटा तैयार करेगी सात सदस्यीय समिति

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : नगर निगम में ठेके पर रखे गए 1882 कर्मचारियों के पीएफ की राशि हड़पने के मामले में नगर निगम द्वारा जांच कराई जाएगी।
प्रथम दृष्टया सामने आया भ्रष्टाचार, डाटा तैयार करेगी सात सदस्यीय समिति
प्रथम दृष्टया सामने आया भ्रष्टाचार, डाटा तैयार करेगी सात सदस्यीय समितिRaj Express

हाइलाइट्स :

  • मामला निगम कर्मचारियों के ईपीएफ का

  • अपर आयुक्त के साथ कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने की चर्चा

  • पूरा डाटा तैयार करने के लिए सात सदस्यीय समिति का किया गठन

  • एक महीने में डाटा तैयार कर रिपोर्ट पेश करेगी समिति

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम में ठेके पर रखे गए 1882 कर्मचारियों के पीएफ की राशि हड़पने के मामले में नगर निगम द्वारा जांच कराई जाएगी। इस मामले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है यह सोमवार को आयोजित कर्मचारी संघ एवं निगम अधिकारियों की बैठक में साबित हो गया। प्रथम दृष्टया जो दस्तावेज देखे गए उनसे सारी सच्चाई सामने आ गई है। लेकिन यह बहुत पेचीदा प्रकरण है इसलिए सभी कर्मचारियों का ईपीएफ निकलवाने के लिए सात सदस्सीय समिति का गठन किया गया है। अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई।

बाल भवन में सोमवार अपरान्ह 4 बजे नगर निगम अपर आयुक्त आर के श्रीवास्तव, उपायुक्त डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव के साथ स्वंय सेवक अधिकारी कर्मचारी संघ मप्र के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें संघ की तरफ से प्रदेश महामंत्री विष्णु दत्त शर्मा ने कर्मचारियों का पक्ष सामने रखा। उन्होंने बताया कि 2016 से कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसा जमा नहीं कराया गया। एक साल में लगभग 2 करोड़ से अधिक राशि जमा होना होती है लेकिन यह राशि ठेकेदार एवं निगम अधिकारी मिलकर हड़प गए। कर्मचारियों के ईपीएफ के खाते तो खोले गए लेकिन उनमें नियुक्ति 2020 से दर्शाई गई और उसी हिसाब से पैसा उगलवाया गया। बैठक में कई कर्मचारियों के दस्तावेज पेश किए गए जिन्हें देखने से पता चला कि जिन कर्मचारियों को 80 हजार रुपय ईपीएफ के रूप में खाते में डलने थे उसे मात्र 10 हजार रुपये दिए गए। इसी तरह हर कर्मचारी के साथ छल किया गया है। दस्तावेज देखने के साथ ही अपर आयुक्त को पूरा प्रकरण समक्ष आ गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले यह जरूरी है कि किस कर्मचारी का कितना ईपीएफ बनता है और कितना मिला है इसकी पूरी नोट शीट तैयार कराई जाए। इसके बाद ही कंपनी से बात की जा सकती है। इसके लिए हम सात सदस्यीय टीम का गठन करेंगे जो एक माह में पूरा डाटा तेयार कर लेगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जायगी। गौरतलब है कि स्वयं सेवक अधिकारी, कर्मचारी संघ मप्र द्वारा नगर निगम कर्मचारियों के ईपीएफ के घपले की जांच सहित 24 बिंदुओं का निराकरण करने की मांग को लेकर 27 जनवरी से हड़ताल की घोषणा की गई थी। इस हड़ताल को रद्द कराने के उद्देश्य से निगम अधिकारियों ने चर्चा शुरू की है।

विनियमित कर्मचारियों को मिलेगी ईएसआई का लाभ :

बैठक के दूसरे अहम बिंदू में विनियमित किए गए कर्मचारियों को ईएसआई का लाभ देना शामिल थे। इस मांग को भी अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव ने पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए स्वीकृति दिलाने का प्रयास करेंगे। ऐसा करना शासन की गाईन लाईन में शामिल है और हम इस मांग को भी चर्चा के बाद पूरा कराने का प्रयास करेंगे।

24 बिंदुओं को लेकर हुई चर्चा :

बैठक में कुल 24 बिदुंओं को लेकर चर्चा हुई है और अधिकतर मांगों को पूरा करने की सहमति बन गई है। जो मांगे स्थानिय स्तर पर पूरी हो सकती है उन्हें यही से पूरा किया जायेगा और बाकी की मांगें शासन को भेज दी जायेंगी। शाम 4 से 7:45 तक चली बैठक में कई बिंदुओं पर अहम चर्चा हुई। अब बुधवार को फिर से बैठक बुलाकर बाकी बचे बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की जायेगी।

इनका कहना है :

नगर निगम कर्मचारियों हमारे परिवार के सदस्य हैं। उनकी समस्या को हर हाल में दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। जो 24 मांगें हमारे सामने रखी गई है उन्हें लेकर कर्मचारी नेताओं से बैठक में चर्चा हुई है। जो मांग हमारे स्तर पर पूरा करने की है उन्हें हम अवश्य ही पूरा करेंगे और जो मांगें शासन स्तर की है उन्हें शासन को भेज दिया जायगा। बुधवार को फिर से कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक होगी।

आरके श्रीवास्तव, अपर आयुक्त, नगर निगम

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