शहीद भी हो जाता हूँ, तो गर्व की बात होगी-सीएसपी खान
शहीद भी हो जाता हूँ, तो गर्व की बात होगी-सीएसपी खानShahid Kamil

फर्ज निभाते हुए शहीद भी हो जाता हूँ, तो गर्व की बात होगी-सीएसपी खान

मध्यप्रदेश में दो टीआई शहीद हुए, फिर भी क्वारेंटाइन में सीएसपी अलीम खान का जज्बा काबिले तारीफ...

राज एक्सप्रेस। कोरोना महामारी के भीषण हमले के बीच लोगों की मौत और जिंदगी के बीच में दो लोग दीवार बनकर खड़े हैं, एक डाॅक्टर और दूसरे पुलिसकर्मी। लेकिन इस अदृश्य दुश्मन से लड़ाई कितनी मुश्किल है, इसका एहसास रह-रहकर आ रहीं कोरोना से जूझ रहे योद्धाओं की मौतों की दुःखद खबरें हमें बराबर करा रही हैं। कोरोना से लड़ते हुए एमपी पुलिस के दो अफसर शहीद हो चुके हैं।

वहीं इंदौर और भोपाल में कई पुलिसकर्मी भी कोरोना से लड़ते हुए इसकी चपेट में आ चुके हैं। इन्हीं में से एक हैं, जहांगीराबाद सीएसपी अलीम खान कोरोना सबसे खतरनाक हमला उन्हीं के इलाके में बोला था, जहां एक के बाद एक कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की झड़ी लगी और लाशें गिरने लगीं। इस दौरान अपनी टीम के साथ खान दिनरात कोरोना से लोहा लेने में जुट गए। महामारी ने भी इन योद्धाओं पर पलटवार किया और पुलिसकर्मियों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया। इन्हीं में से किसी पुलिसकर्मी के संपर्क में आकर खान भी कोरोना के शिकार हो गए और पिछले 15 दिनों से क्वारेंटाइन हैं।

हालांकि उन्हें इस बात का संतोष तो है, कि वे ड्यूटी निभाते हुए ही महामारी का शिकार हुए, लेकिन इस बात की बेचैनी भी है, कि अगर ऐसा नहीं होता तो वे अभी मोर्चे पर तैनात होकर पुलिस के जनसेवा और देशभक्ति के सूत्र वाक्य को निभा रहे होते। जानिए इस योद्धा की कहानी उन्हीं की जुबानी-

शहीद भी होता तो गर्व होता

रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद खान को क्वारेंटाइन किया गया है, वे कहते हैं, जो दो अफसर शहीद हुए उनमें से एक नीलगंगा टीआई यशवंत पाल मेरे बैचमेट थे, जूनी टीआई देवेन्द्र भी जाबांज अफसर थे, जिन्होंने फर्ज निभाते हुए अपनी जान गंवा दी। मुझे और मेरे परिवार को भी कोई अफसोस नहीं होता बल्कि गर्व होता अगर मैं अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हो जाता, मुझे यहां कोई तकलीफ नहीं पर अफसोस जरूर है, कि ऐसे समय जब मेरे शहर और प्रदेश के साथ ही मेरी फोर्स को सबसे ज्यादा मेरी जरूरत है, तब मैं लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा हूँ। महामारी ने मुझे यहां कैद कर दिया जबकि इस समय मुझे मैदान में होना चाहिए था।

अफसरों ने बढ़ाया हौसला

मेरी रिपोर्ट पाॅजिटिव आना मेरे लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, एक तरफ फर्ज था,और दूसरी तरफ सेहत और संक्रमण का मसला, ऐसे में डीआईजी इरशाद वली साहब और एसपी साहब ने मेरा हौसाल बढ़ाया, यहां क्वारेेंटाइन के दौरान सभी पुलिसकर्मियों की सेहत का खास खयाल रखा जा रहा है। उन्हें अच्छे से अच्छे खाने पीने से लेकर फल-जूस तक सबकुछ दिया जा रहा है। अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर हमारी सेहत का ध्यान रख रहे हैं, अधिकारियों के इस व्यवहार से सभी को हिम्मत और हौसाला देने का काम किया है। जिससे हम सबको इस जंग को जीतने और मुश्किल से बाहर निकलने की हिम्मत मिल रही है। देश संकट में है, इसलिए हमेें अपना फर्ज और मुस्तैदी से निभाना पड़ेगा।

लोग कोरोना के खतरे को समझें यहां से सभी शहर और प्रदेशवासियों से एक ही अपील करना चाहता हूँ, कि कोरोना के खतरे को हल्के में ना लें। यह गंभीर चुनौती है, पुलिस आपके लिए अपनी जान दांव पर लगाए हुए हैं। आप लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। प्रशासन के निर्देश मानें और ऐसी चीजें खांए-पियें जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। ज्यादा से ज्यादा फलों और विटामिन का सेवन करें। क्योंकि आप मजबूत रहेंगे तभी इस मुश्किल से बाहर निकला जा सकता है, फिलहाल घरों पर रहें और कोरोना योद्धाओं की मदद करें। जैसा उन्होंने राजएक्सप्रेस के न्यूज हेड शाहिद कामिल से चर्चा में कहा।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com