जो करते थे शराब माफियाओं पर कार्यवाही, अब वही बेच रहे महंगी करके शराब

नागदा जं., मध्य प्रदेश। शराब माफियाओं पर कार्यवाही करने वाले आबकारी विभाग द्वारा 50 रूपये का पाव, 70 रूपये में बेचकर शराब प्रेमियों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। अब इन पर कौन करेगा कार्यवाही?
कलाली खुलने के बाद लगी भीड़ और लंबी कतार
कलाली खुलने के बाद लगी भीड़ और लंबी कतारSocial Media

नागदा जं., मध्य प्रदेश। 80 दिन बाद खुली शराब की दुकानो को लेकर शराब प्रेमियो में उत्साह दिखाई दिया। पहले ही दिन दुकानो पर उमड़ी भीड़ के कारण सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियाँ उड़ गई। ठेकेदारों पर कार्यवाही करने वाले एक्साईज विभाग द्वारा संचालित की जा रही दुकानों पर एक पाव पर 20 रूपये ज्यादा लेकर लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा था। जागरूक नागरिकों ने इसका विरोध किया तो आबकारी सब इंसपेक्टर के समक्ष ही दुकान संचालित करने वाले व्यक्ति ने कबुला की 'यादा रेट ले रहा है इसके बाद भी अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करते हुए निर्धारित रेट में शराब बेचने के आदेश दिए।

ठेकेदार व शासन के विवाद के चलते शहर में शराब की दुकानें ठेकेदार द्वारा नहीं खोली जा रही थी। शासन के निर्णय अनुसार मंगलवार से आबकारी विभाग द्वारा ही शराब बेचे जाने के लिए दुकानें खोली गई। आज सुबह जैसे ही शराब प्रेमियों को सूचना मिली तो दोनो दुकानों पर शराब प्रेमियों की भीड़ उमड़ गई। जिसमें सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियाँ तो उड़ी ही सही, लाईन लगने के मामले में कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। दुकान पर बैठे आबकारी आरक्षक नजारा देखते रहे लेकिन हस्तक्षेप नही किया। जिससे भीड़ तो पहले ही थी देखने वाले भी खड़े हो गए इससे और 'यादा भीड़ बढ़ गई। यहां तक की महात्मागांधी मार्ग पर तो जाम जैसी स्थिति बन गई।

शराब माफियाओं से भी बड़े वाले निकले आबकारी अधिकारी :

शराब के ठेकेदार अनियमितता कर निर्धारित मूल्य से 'यादा लेते है तो एक्साईज विभाग को कार्यवाही करने का अधिकार है। एक्साईज विभाग ही 'यादा मूल्य ले तो इन पर कार्यवाही कौन करेगा। 80 दिन बाद खुली दुकानो का संचालन आबकारी विभाग द्वारा किया जा रहा है। नियमानुसार पाव, अद्दा व बोटल पर दो रेट लिखे हुए रहते है इसमें एक एनएसपी व एमआरपी लिखा होता है। ठेकेदार यदि शराब बेचता है तो वह एमआरपी से ज्यादा पैसे नहीं ले सकता है। यदि शासन दुकानें चलाता है तो एनएसपी से ज्यादा पैसा नहीं ले सकता है। मंगलवार को खुली दुकानों का संचालन एक्साईज विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसमें देशी प्लेन के पाव पर एनएसपी 50 रूपये, एमआरपी 65 रूपये है पर दुकान पर पाव के 70 रूपये लिये जा रहे हैं।

और दुकानो पर उमड़ गई भीड़ :

सुबह से ही शराब की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। शाम तक सैकड़ो शराब प्रेमियों ने शराब खरीदी। एक पाव पर 20 रूपये ज्यादा तो हजारो रूपये ज्यादा शराब प्रेमियों से एक्साईज विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली दुकानों पर लिए जा रहे है। शाम को जब जागरूक नागरिकों को इसकी जानकारी लगी तो आबकारी विभाग के प्रभारी नितिन राज सहाय को जानकारी दी तो वह बगले झांकने लगे। देशी की दुकान पर वह स्वयं पहुंचे। दुकान पर बैठे व्यक्ति ने भी स्वीकार की वह एक पाव के 70 व अद्दे के 140 रूपये ले रहा है। यह सुनकर आबकारी विभाग के अधिकारी बगले झांकते दिखाई दिए।

165 के ले रहे है 210 :

अंग्रेजी शराब की दुकान पर तो इससे भी 'ज्यादा अति की जा रही है। वैसे तो कई कंपनियों की शराब दुकान से बेची जा रही है इनमें से क्वार्टर पर एनएसपी 165 व एमआरपी 190 रूपये है। इसके बाद भी वह 210 रूपये में क्वार्टर बेच रहे हैं। देशी शराब की दुकान पर रेट को लेकर हुए हंगामे के बाद आबकारी अधिकारी ने देशी दुकान पर बैठे व्यक्ति को एनएसपी रेट से शराब बेचने के आदेश दिए पर अंग्रेजी शराब की दुकान पर तो वही रेट से शराब बिकती रही।

पैसे कमाने के लिए किए तैनात :

जबकी हर शराब की दुकान पर एक आबकारी आरक्षक को तैनात किया गया है। देशी की दुकान पर कालुसिंह वासकले व अंग्रेजी शराब की दुकान पर आरक्षक मानस व आबकारी अधिकारी मितनराज सहाय स्वयं की उपस्थिति में शराब बेची जा रही है। इस संबंध में आबकारी अपर कमीश्नर संजय अग्निहोत्री से मोबाईल नंबर 9424321111 पर चर्चा करने का प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल बंद आया।

इनका कहना :

यह बात सही है की एनएसपी के मान्य से ही शराब बेची जाना चाहिए। दुकान संचालन करने वाले व्यक्ति द्वारा 'ज्यादा पैसे लिए जा रहे है तो कार्यवाही की जाएगी। मेरा तो आपसे निवेदन है की गलती हो गई आगे से नहीं होगी।

नीतिन राज सहाय, आबकारी अधिकारी, नागदा

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