अनूपपुर, मध्यप्रदेश। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा विभाग है, जहां जनपद और जिले में पदस्थ सीईओ, उपयंत्री, सचिव व रोजगार सहायक के साथ पदस्थ संयुक्त मोर्चे के समस्त संगठनों के कर्मचारी व अधिकारी सरकार के लक्ष्यों की पूर्ति के लिये दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रदेश सरकार की गुड लिस्ट में नम्बर 1 बनने की होड़ में ग्राम पंचायत के सबसे छोटे कर्मचारी रोजगार सहायक से लेकर वरिष्ठ मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत हित बीच का समस्त अमला प्रताड़ित और त्रस्त है। खरगौन के भीमनगांव में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वर्गीय राजेश बाहेती एवं धार जिले के गंधवानी जनपद पंचायत में उपयंत्री के पद पर पदस्थ प्रवीण पवार ने वरिष्ठों की मानसिक प्रताड़ना और अति कार्यभार एवं दबाव के कारण फांसी के पद पर झूलकर आत्महत्या जैसे दुखद कदम उठाये। जिससे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का सम्पूर्ण अमला स्तब्ध और दुखी है।
आक्रोशित है संगठन :
अभियानों में मशीन की तरह पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को जोड़ कर थोपने का काम खरगौन और धार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के 52 जिला मुख्यालय से प्रचलित और संचालित है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का अमला जिसमें कई अधिकारी/कर्मचारी अल्प वेतन में और सेवाओं की सुरक्षा की कोई गांरटी नहीं होने के बावजूद अपने जीवन का बहुत हिस्सा शासन के कार्यों में लगा रहा है। वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समस्त कर्मचारियों की अनार्थिक मागों पर सरकार का बयान बार-बार आवेदन, ज्ञापन देने के बाद भी आकर्षित नहीं हो रहा है। पंचायत विभाग और ग्रामीण विकास विभाग का कुनबा अपने संगठनो के माध्यम से विगत 4-5 वर्षों से अपनी ज्वलंत मांगे, जिसमें अधिकांश अनार्थिक और संशोधन मात्र की है।
सरकार नहीं दे रही ध्यान :
सरकार का कोई ध्यान नहीं जाने से पूरे पंचायत के अमले में भारी आक्रोष और रोष। संगठन के संयुक्त मोर्चा ने 12 जुलाई को उपरोक्त ज्ञापन प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर के माध्यम से और जनपद मुख्यालय से अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री तक प्रेषित किए है। संयुक्त मोर्चा ने मांग की है कि वरिष्ठों की प्रताड़ना का तत्काल रोक लगाना नितांत आवश्यक है, अन्यथा इन कारणों से विभाग की गरिमा पर कालीक पुतना तय है। वहीं इस ज्ञापन के साथ संयुक्त मोर्चा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संगठन पृथक-पृथक अनार्थिक मागे और प्रताड़ना से आत्महत्या का कदम उठाये जाने के बाद उनके परिवार के लिये संयुक्त मोर्चा 7 दिवस में निराकरण हेतु अपनी मांगे प्रस्तुत कर रहा है, यदि मागे 7 दिवस में पूरी नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा बड़े आंदोलन पर जायेगा, इसकी जवाबदारी शासन की होगी।
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