उमरिया : टीएण्डसीपी की उदासीनता से थमे उमरिया के विकास के पहिए

उमरिया, मध्य प्रदेश : पिछले 2 वर्षाे से टाउन एण्ड कंट्री विभाग द्वारा कोई भी मकान निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे सरकारी राजस्व शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि का सरकार को नुकसान हो रहा है
टीएण्डसीपी की उदासीनता से थमे उमरिया के विकास के पहिए
टीएण्डसीपी की उदासीनता से थमे उमरिया के विकास के पहिएRaj Express

उमरिया, मध्य प्रदेश। नगर तथा ग्राम निवेश के द्वारा उमरिया जिले के टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग को लेकर नई पुस्तक का प्रकाशन नहीं किया गया है, जो प्लान उमरिया के विकास को लेकर अपनाया जा रहा है, वह 15 वर्ष पुराना है। टीएण्डसीपी की उदासीनता के कारण मुख्यालय के विकास के पहिए थम गए हैं।

टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के द्वारा उमरिया जिला मुख्यालय के विकास को लेकर बनाई गई योजनाएं फलीभूत होती नजर नहीं आ रही हैं, आमतौर पर सभी जिलों में टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग विभाग मुख्यालय सहित पूरे जिले के विकास की संरचना और निर्माण कार्याे को न सिर्फ तय करता है, बल्कि उन पर निगरानी रखना और हो रहे निर्माण कार्य शासन की मंशा अनुरूप हों, यह तय करना भी विभाग की जिम्मेदारी होती है, यही नहीं शहर के विकास का मॉडल तैयार करना भविष्य की आवश्यकताओं को लेकर रूप रेखा तैयार करना और इन सबके बीच शासन को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए, लेकिन उमरिया स्थित टीएण्डसीपी कार्यालय व राजधानी स्थित उक्त विभाग के मुखिया उमरिया के विकास के साथ सौतेला व्यवहार तो कर ही रहे हैं, इसके साथ ही शासन के राजस्व की भी बड़ी चोट दे रहे हैं।

15 वर्ष पुराना है प्लान :

बीते दिनों कलेक्टर को सौंपे गये मांग पत्र में स्थानीय रहवासियों ने उल्लेख किया गया था कि जिले का टाउन एण्ड कंट्री प्लान 10 से 15 वर्ष पुराना है, जिसके कारण पिछले 2 वर्षाे से टाउन एण्ड कंट्री विभाग द्वारा कोई भी मकान निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है, यह कहा जा रहा है कि निर्माण मकान एवं व्यवसायिक भवन कि अनुमति नई पुस्तक प्रकाशन के बाद दी जायेगी।

हो रही राजस्व की क्षति :

स्थानीय लोगों ने जमीनों का आवासीय डायवर्सन कराकर डायवर्सन शुल्क प्रतिवर्ष जमा किया जाता है, परन्तु निर्माण की अनुमति न मिलने के कारण बैंक द्वारा न हाउस लोन दिया जाता है और न ही उमरिया नगर पालिका द्वारा मकान निर्माण एवं व्यवसायिक भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती, जिसके कारण सरकारी राजस्व शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि का सरकार को नुकसान होता है, पुस्तक प्रकाशन न होने के कारण जिले का संपूर्ण विकास रुक सा गया है।

2 वर्षाे से वैध निर्माण पर रोक :

पिछले 2 वर्षाे से टाउन एण्ड कंट्री विभाग द्वारा कोई भी मकान निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे सरकारी राजस्व शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि का सरकार को नुकसान हो रहा है, कलेक्टर ने पत्र में लिखा था कि नगर एवं ग्राम निवेश शहडोल द्वारा उमरिया जिले की तैयार प्लान पुस्तक प्रकाशन करवाये, ताकि नगरवासियों की समस्याओं का निराकरण किया जा सके।

पशोपेश में भू-स्वामी :

उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश शहडोल ने नगरवासियों को पत्र देकर अवगत कराया था कि उक्त कार्यालय द्वारा मकान निर्माण की अनुमति नहीं बल्कि विकास अनुज्ञा प्रदान की जाती है, वर्तमान में भी कार्यालय द्वारा उमरिया विकास योजना 2021 के भूमि उपयोग के अनुसार विकास अनुज्ञा प्रदान की जा रही है।

भोपाल भेजा, पर निर्णय नहीं :

उमरिया विकास योजना 2031 (प्रारूप) 18 फरवरी 2019 को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। जिसे परिपालन में उमरिया विकास योजना 2031 (प्रारूप) को जिला योजना समिति के एजेण्डे में शामिल करे हुए बैठक 04 जुलाई 2019 को अनुमोदित करते हुए कलेक्टर के कार्यवाही विवरण द्वारा अनुमोदित की गई, जो कि इस कार्यालय के द्वारा प्रकाशन की अग्रिम कार्यवाही हेतु संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल भेजा जा चुका है।

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