हाइलाइट्स :
टापू में तब्दील राजघाट में हुआ हंगामा।
मकान खाली करने पहुंचे प्रशासन के साथ झूमा झटकी।
महिला कर्मचारीयो और डूब प्रभावित महिलाओंं के बीच अनबन।
समय पर गांव खाली न कराने से ग्रामीण आक्रोशित।
कलेक्टर अमित तोमर के पहुंचने के बाद शांत हुआ मामला।
राज एक्सप्रेस। नर्मदा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए टापू में तब्दील राजघाट में मौजूद परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की दृष्टि से जिला प्रशासन बोट के माध्यम से ग्राम राजघाट पहुंचा, स्थितियां सामान्य थी, शुरुआत में डूब प्रभावितों ने सबसे पहले मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की मांग की।
डूब प्रभावितों ने किया हंगामा :
इसके बाद प्रशासन ने कम गहराई वाले रास्ते से मवेशियों को बड़वानी की तरफ रवाना कर दिया, लेकिन मवेशी बड़वानी ना पहुंचते हुए डूब के बाहर के खेतों में पहुंच गए। जैसे ही यह खबर गांव वालों तक पहुंची, तो डूब प्रभावितों ने इस बात को लेकर हंगामा कर दिया कि, हमारी खड़ी फसलें भी मवेशियों के द्वारा खराब की जा रही है।
एसडीएम से बात करने पहुंची डूब प्रभावित महिलाएं :
जब डूब प्रभावित महिलाएं, एसडीएम से बात करने पहुंची, तो सुरक्षा की दृष्टि से वहां मौजूद महिला पटवारियों के द्वारा एसडीएम और डूब प्रभावित महिलाओं के सामने सुरक्षा की दृष्टि से खड़े हो गए, जिसको लेकर डूब प्रभावित महिलाओं का आक्रोश पटवारी महिला कर्मचारियों पर फूट पड़ा और दोनों के बीच जमकर झड़प हो गई।
समय पर गांव खाली न कराने से ग्रामीण आक्रोशित :
जैसे- तैसे इस मामले का बीच बचाव कर उसे शांत किया गया, लेकिन ग्रामीण फिर भी खेती में हुए नुकसान की भरपाई और समय पर गांव खाली कराने नहीं आने को लेकर आक्रोशित थे, जिसके बाद मौके पर पहुंचे कलेक्टर अमित तोमर ने नुकसानी का आकलन तत्काल किए जाने और क्षेत्र से उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए नाव और वाहनों को उपलब्ध कराया, इस तरह कलेक्टर की समझाइश पर मामला शांत हुआ।
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