बुरहानपुर : विकलांगों से पैसे वसूलते हुए कैमरे में कैद डॉक्टर

बुरहानपुर, मध्य प्रदेश : विकलांग का प्रमाण पत्र नि:शुल्क बनता है, प्रमाण पत्र के लिए जिला अस्पताल का डॉक्टर 4500 रुपए मांग रहा था, जिसके लिए डॉक्टर रुपए लेते समय कैमरे में ट्रेप हुआ।
विकलांगों से पैसे वसूलते हुए कैमरे में कैद डॉक्टर
विकलांगों से पैसे वसूलते हुए कैमरे में कैद डॉक्टरPriyanka Yadav - RE

राज एक्सप्रेस। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है। डॉक्टरों को बेसहारा पर तरस नहीं आ रहा है। विकलांगता का प्रमाण पत्र नि:शुल्क बनता है, उसके लिए जिला अस्पताल का डॉक्टर किशोर दिव्यांग से 4500 रुपए मांगे, जिसके कारण जिला अस्पताल का भ्रष्टाचारी डॉक्टर रुपए लेते हुए ट्रेप हो गया, इस डॉ. किशोर के कारण डॉक्टर जैसा साफ-सुथरा पेशे की छवि धूमिल हुई है।

विकलांग नितिन सुरेश को प्रमाण पत्र की जरूरत थी

कुछ दिन पहले विकलांग नितिन सुरेश को प्रमाण पत्र की जरूरत होने के कारण नितिन सुरेश जिला अस्पताल में गया, कई दिनों तक बेसहारा नितिन अस्पताल के चक्कर लगाता रहा, परेशान होता रहा, लेकिन उसका प्रमाण पत्र नहीं बना। फिर एक दिन वो अस्पताल के वार्ड बॉय गोविंद हंसराज के संपर्क में आया। गोविंद ने कहा कि, डॉ. किशोर प्रमाण पत्र बनवा देंगे, इसके लिए 2500 रुपए लगेंगे। हैरान, परेशान नितिन रुपए देने के लिए तैयार हो गया। उसने मुश्किल से रुपए जुटाए।

जिला अस्पताल के डॉ. किशोर ने नितिन को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिला अस्पताल की बजाय लगभग एक किमी दूर पुराना बोरले अस्पताल के पास आने के लिए कहा। साथ ही ये भी कहा कि, और 2 हजार रुपए लेकर आना, नितिन वहां पहुंच गया और डॉ. किशोर भी आ गए। नितिन ने जैसे ही डॉ. किशोर के हाथ में 2 हजार रुपए दिए डॉक्टर किशोर की ये हरकत मीडिया के कैमरे में कैद हो गई।

डॉ. किशोर मीडियाकर्मियों को देखकर डर गया

जिला अस्पताल का भ्रष्टाचारी डॉक्टर (डॉ. किशोर) मीडियाकर्मियों को देखकर डर गया, उसने तुरंत नितिन को रुपए वापस दे दिए और प्रमाण पत्र दिए बिना मौके से भाग गया। डॉ. किशोर के ट्रेप होने की खबर फैलते ही अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। खबर सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद खान तक पहुंची। उन्होंने मामले से सीएमएचओ को अवगत कराया। सीएमएचओ ने कहा, इस संबंध में जांच की जाएगी। दोषी सिद्ध होने पर सख्त कार्रवाई करेंगे।

जागरूक नितिन ने डॉ. किशोर की हरकतों से पर्दा उठाया :

नि:शुल्क बनने वाले प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांगों से वसूले जा रहे रुपए नितिन जागरूक था, रुपए नहीं दे सकता था। नितिन ने जिला अस्पताल के भ्रष्टाचारी डॉ. किशोर की हरकतों से पर्दा उठा दिया। नितिन की तरह हर दिन कई दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए जिला अस्पताल आते हैं। उनसे भी इसी तरह का व्यवहार किया जा रहा है।

जिला अस्पताल प्रबंधन शंका के घेरे में :

इस मामला को लेकर पूरा जिला अस्पताल प्रबंधन शंका के घेरे में है। उच्च अफसरों को यहां के एक-एक विभाग में जांच करवाना चाहिए। जिला अस्पताल में दलाल सक्रिय जिला अस्पताल में हर दिन विभिन्न कार्य होते हैै। प्रमाण पत्र, कागजात बनवाने के लिएआते हैं।बताते हैं ऐसे लोगों की पहचान कर दलाल पहले उन्हें पकड़ लेते हैं और रुपए लेकर काम करवाते हैं। सीधे संबंधित कार्यालय में नहीं पहुंचने देते हैं। कागजात तैयार करवाने के लिए लोगों से अच्छी खासी रकम वसूली जा रही है।

अस्पताल के जिम्मेदार इस बात से बिल्कुल बेखबर है। जरूरत है कि, दलालों और इनके साथ मिलीभगत करने वाले डॉक्टरों, कर्मचारियों पर नजर रखकर रंगे हाथों पकड़ा और नौकरी से निकाल दिया जाएं। विकलांग युवक के द्वारा अनैतिक तरीके से रूपयें मांगने की शिकायत की गई है, इसकी गंभीरता से जांच कर दोषियो के विरूध्द वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।

डिस्क्लेमर : इस लेख के भीतर व्यक्ति की गई राय लेखक की निजी राय है। लेख में दिखाई देने वाले तथ्य और राय राज एक्सप्रेस के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं और राज एक्सप्रेस किसी भी जिम्मेदारी या दायित्व को स्वीकार नहीं करता है।

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