नई शिक्षा नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी - डॉ. मोहन यादव

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने की पत्रकारों से चर्चा कहा एससी के माध्यम से भरे जाएंगे अतिथि विद्वानों के पद।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादवSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को तत्काल प्रभाव से लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते नवीन शिक्षा सत्र में ऑन लाइन पढ़ाई कराएंगे, जिससे छात्रों का वर्ष एवं पढाई प्रभावित ना हो सके। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों के कई पदों को राज्य सरकार ने भर दिया है, वहीं अन्य बचे अतिथि विद्वानों को पीएससी के माध्यम से भरेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में ओपन बुक से परीक्षा पद्धति को लागू किया गया है। वहीं अन्य राज्यों ने भी इसे कोरोना संकट के चलते अपनाया। उन्होंने कहा कि आगे आने वाला सत्र की शुरूआत कर दी है। लेकिन कोरोना संकट के चलते छात्र को प्रवेश तो दिया जा रहा है लेकिन अभी कालेजों में जाकर पढाई नहीं कराई जाएगी। वहीं वर्चुअल से लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा। मंत्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि "प्रदेश में सभी डीम्ड कालेजों को डीम्ड विश्वविद्यालयों का दर्जा दिया जाएगा।" अपनी योजना के बारे में उन्होंने बताया कि उनका प्रयास है कि प्रदेश में भवन विहीन महाविद्यालयों में से 50 को भवन युक्त किया जाएगा। वहीं कालेजों द्वारा नए कोर्स खोलने की अनुमति भी तत्काल प्रभाव से दी जा रही है जिससे अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश मिल सके।

140 फर्जी कालेजों को किया बंद :

विभिन्न विश्वविद्यालयों में एक-एक कमरे में चलने वाले कालेजों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री यादव ने कहा कि लगभग 140 फर्जी कालेजों को बंद किया गया है। अब राज्य में 15 विश्वविद्यालय और 33 निजी विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल परीक्षा कराने वाले ही नहीं बने रहें इसके लिए विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य तथा साथ ही रिसर्च को बढ़ावा देने के प्रयास होंगे। अतिथि शिक्षकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 4274 सेल्फ फायनेंस कोर्स के हैं तथा 1700 शासन के इनमें से 800 को कालेज में नियुक्ति दे दी गई है। 732 और बचे हैं उसके लिये होमवर्क किया जा रहा है। न्यायालय में भी मामला है, उसका समाधान होते ही इन सभी को पीएससी के माध्यम से या फिर कोई अलग से कुछ परीक्षा कराकर नियुक्ति दे दी जाएगी। पत्रकारों से चर्चा के दौरान मप्र बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह यादव, जिलाध्यक्ष कमल माखाजानी, भाजपा मीडिया के प्रदेश सह प्रभारी उदय अग्रवाल, जीवाजी विवि के डीसीडीसी डॉ.केशव सिंह गुर्जर उपस्थित थे।

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