सिंगरौलीः कृषि विभाग के प्रयासों से किसानों की होगी बंपर कमाई

सिंगरौली-मध्यप्रदेशः किसानों के निरंतर प्रयासों से कृषि विभाग की उम्मीदें हैं कि इस बार किसानों को अच्छा मुनाफा होने वाला है।
किसानों मेहनत लाएगी रंग
किसानों मेहनत लाएगी रंगShashikant Kushwaha

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में, यह क्षेत्र जिला बनने के बाद एक तरफ जहां औद्योगिक इकाइयों के लिए किसानों की जमीने अधिग्रहित होती गई वही बचे हुए किसान फसलों व बेहतर खेती के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहें इसी को देखते हुए कृषि विभाग की उम्मीदें हैं कि इस बार किसानों को अच्छा मुनाफा होने वाला है ।

आखिर कैसे होगी किसानों की कमाई:

किसानों की कमाई के संबंध में जब जिले के कृषि विभाग के उपसंचालक श्री आशीष पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि किसान अपने पारंपरिक तौर पर खेती तो कर रहे हैं मगर उसका परिणाम व उसकी कमाई के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण कारक उत्तम किस्म के बीजों का होना अत्यंत आवश्यक है।

श्री पांडेय ने स्पष्ट किया है कि किसानों द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे बीज की बात करें तो मैं पैदावार लेने के बाद किसान उसी पैदावार को अगले वर्ष भी बतौर बीज के तौर पर उपयोग करते आ रहे हैं जिससे कि उन्हें उचित परिणाम व लाभ नहीं मिलता बेहतर परिणाम के लिए किसानों के पास अच्छे किस्म के बीजों का होना अत्यंत आवश्यक हो जाता है जिससे की अच्छी पैदावार प्राप्त कर किसान अपनी कमाई कर सकते हैं ।

आंकड़े क्या कहते हैं :

गत वर्षो की अगर बात की जाए तो सिंगरौली जिले के अस्तित्व में आने के बाद से ही कभी किसी वर्ष में उत्पादन का लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी ,साथ ही अगर वित्तीय वर्ष 2018-19 की बात की जाए तो सिंगरौली जिला प्रथम दृष्टया निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा की पैदावार में सफल हो सका। सत्र 2018 19 में धान का उपार्जन 4 लाख क्विटल जिससे कि 65 से 66 करोड रुपए किसानों के खातों में जाने थे पर किसानों के द्वारा धान का उपार्जन 548000 क्विंटल रहा जोकि निर्धारित लक्ष्य से 148000 क्विंटल ज्यादा था जिसका कि किसानों के खाते में 960000000 रु दिए गए वही अगर गेहूं की बात करें तो यह की पैदावार 2.5 लाख क्विटल का लक्ष्य रहा जब की उपार्जन 273000 क्विंटल रहा ।

वर्तमान सत्र में धान के संबंध में अगर बात की जाए तो 125000 क्विंटल की पैदावार का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है जो कि पूर्व लक्ष्य से भी ज्यादा है। पूर्व में विभाग के द्वारा एक सर्वे के मुताबिक सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली में सिंगरौली जिले में उत्पादन सबसे बेहतर रहा ।

लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया कड़ा संघर्ष :

कृषि उपसंचालक श्री पांडे ने बताया सत्र 2017 में सिंगरौली जिले में पदस्थापना के बाद कड़ा संघर्ष शुरू किया जिसमें 816 ग्रामों तक पहुंचकरनिर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना एक बड़ा परिश्रम का कार्य रहा जिससे किउनकी 20 से 22 कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप बेहतर उत्पादन के तौर पर जिले का प्रदर्शन रहा व शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा जिले का उत्पादन हो रहा ।

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