राज एक्सप्रेसः मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI)ने अपने नए शोध में माना है कि, वायु प्रदूषण के बढ़ने से शहर के नागरिकों का औसत जीवनकाल साढ़े 3 साल कम होगा।
शिकागो विश्वविद्यालय ने किया शोधः
बता दें कि, यह शोध और यह रिपोर्ट अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय की शोध संस्था एपिक(एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो) द्वारा तैयार किए गए वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) में की गई है। जिसमें प्रदेश के भिंड शहर को सबसे जहरीला शहर माना गया वही सबसे कम और सुरक्षित शहर अलीराजपुर को माना गया है। जिन शहरों की हवा जहरीली हो गई वहां के लोगों का औसत जीवनकाल साढ़े तीन साल कम हुआ है। वही शोध के अनुसार प्रदेश के शहरों जैसे मुरैना (6.7 साल), श्योपुर (4.4 साल), सतना (4.2 साल) , शिवपुरी ( 4.2 साल) , टीकमगढ़ ( 4.2 साल) और सिंगरौली (3.9 साल) है, जिसका आकंलन WHO ने अपनी गाइडलाइन में किया था। डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार 10/g/m के स्तर को सुरक्षित माना जाता है। 1998 से अब तक मध्यप्रदेश के शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ने से लोगों का जीवनकाल कम और प्रदूषण से बीमारियों के खतरे भी बढ़ रहे हैं।
पूरे देश में बढ़ रहा है वायु प्रदूषण का खतराः
वायु प्रदूषण का खतरा पूरे देश में तेजी से बढ़ रहा है जिसके अंतर्गत यह प्रदूषण उत्तर भारत के बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा , पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अधिक है। यहाँ लोगों की औसतन आयु 7 साल ज्यादा कम हो गई है। विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ने कहा कि, यह सूचकांक तैयार करने का एक पहला मौका है जहां मध्यप्रदेश के वायु प्रदूषण का आंकलन किया गया। इस सूचकांक से लोगों के इस बात को समझेंगे कि प्रदूषण और जहरीली हवा के खतरे से खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए।
प्रदूषण की कमी करने से बढ़ेगी उम्रः
प्रो ग्रीनस्टोन के मुताबिक प्रदूषण के खतरे को कम करने की ओर भारत प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी करने से लोगों की आयु में औसतन डेढ़ साल की वृद्धि होगी जो आवश्यक है।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।